Move to Jagran APP

लॉकडाउन में दवाओं की बिक्री घटी, मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट से मिला नया बाजार

कोरोना काल में दवाओं की बिक्री में भी असर पड़ा है। एक अनुमान के मुताबिक आम दिनों की अपेक्षा जनरल दवाओं की खरीद भी कम हुई है। जानें क्या है दवा मंडियों का हाल।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 11:42 AM (IST)
लॉकडाउन में दवाओं की बिक्री घटी, मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट से मिला नया बाजार
लॉकडाउन में दवाओं की बिक्री घटी, मास्क, सैनिटाइजर और पीपीई किट से मिला नया बाजार

पवन कुमार मिश्र, पटना। लॉकडाउन में दवाओं की बिक्री घटी, लेकिन कुछ नए उत्पादों ने दवा मंडी की चमक बढ़ा दी है। दवा मंडी ने डेटॉल और लाइफब्यॉय जैसे साबुन की बिक्री का उपाय खोजा है। यह कारोबार अब महीने में 10 से बढ़कर 20 करोड़ का हो गया है। दवा मंडियों में पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट, विभिन्न तरह के मास्क और हैंड रब सैनिटाइजर का बड़ा बाजार खड़ा हो गया है। पटना की सबसे बड़ी दवा मंडी गोविंद मित्रा रोड में हर दिन तीन करोड़ के हैंड सैनिटाइजर सिर्फ दर्जनभर ब्रांडेड कंपनियों के बिक रहे हैं। इसके अलावा हर दिन 50 लाख के सिर्फ एन-95 या अन्य महंगे रेस्पिेटर्स वाले मास्क बिक रहे हैं। नर्सिंग होम व क्लीनिक खुलने के बाद पीपीई किट की बिक्री में भी वृद्धि हो रही है।

prime article banner

मास्क, हैंड सैनिटाइजर व साबुन की मांग बढ़ी

बिहार केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह के अनुसार कोरोना के पहले प्रदेश में पीपीई किट, मास्क और हैंड रब सैनिटाइजर की मांग न के बराबर थी। हर दिन ब्रांडेड कंपनियों के करीब 50 लाख के मास्क और तीन करोड़ के हैंड सैनिटाइजर बिक जाते हैं।

दवा मंडी के थोक व्यवसायी केसर वैक्सीन के मिंकू कुमार और सावित्री फार्मा के ज्योति कुमार के अनुसार आजकल दवाओं से अधिक बिक्री हैंड सैनिटाइजर और मास्क की है। ज्योति कुमार ने बताया कि लिक्विड या टिकिया के रूप में साबुन की बिक्री महीने में दोगुनी से अधिक यानी 20 करोड़ के आसपास हो गई है। करीब सात करोड़ तो सिर्फ डेटॉल के उत्पाद बिक रहे हैं।

25 प्रतिशत तक घटी अन्य दवाओं की बिक्री

बड़े दवा व्यवसायी सज्जन डालमिया के अनुसार कोरोना के दस्तक देने के पूर्व गोविंद मित्रा रोड में हर दिन औसतन 20 करोड़ का दवा कारोबार होता था। जो वर्तमान में घटकर 15 करोड़ से भी कम हो गया है।

दवाएं कमी प्रतिशत में

- सर्जिकल सामान, 85

- रेजुवेनटिंग/यौनवद्र्धक, 34

- नेत्र रोग,   29.5

- वैक्सीन,   25.8

- स्त्री रोग, 23

- चर्म रोग, 22.5

- एंटी इंफेक्टिव डिजीज, 21.5

- दर्द निवारक दवाएं, 20.3

- सामान्य रोगों के लिए खुद ली जाने वाली दवाएं, 17

- पेट रोग, 16

दवाओं की बिक्री में वृद्धि प्रतिशत में

- एंटी मलेरियल, 11

- एंटी डायबिटिक, 6.4

- हृदय रोग, 5.9


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK