लावारिस लाशों की अंत्येष्टि पर संकट
60 लाख की आबादी पर पटना जिले में तीन विद्युत शवदाह गृह है।
पटना। 60 लाख की आबादी पर पटना जिले में तीन विद्युत शवदाह गृह है। बांसघाट, गुलबीघाट और खाजेकलां। लेकिन पिछले नौ दिनों से बांसघाट विद्युत शवदाह गृह पूरी तरह से बंद है। ऐसे में लावारिस लाशों की अंत्येष्टि पर संकट गहरा गया है। 20 मई से मशीन में तकनीकी खराबी आ गई है। इसकी सूचना विभाग को दे दी गई। बावजूद इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। ऐसे में लाश जलाने के लिए आ रहे लोगों को यहां से लौटकर गुलबीघाट या खाजेकलां जाना पड़ रहा है। या फिर लकड़ी पर दाह संस्कार करना पड़ रहा है। शवदाह गृह में एक शव जलाने में तीन सौ रुपये लगते हैं। जबकि लकड़ी पर जलाने मे छह से आठ हजार रुपये खर्च होते हैं। खासकर लावारिस लाशों की क्रिया कर्म करने में काफी दिक्कतें हो रही है। तीन महीने में दो बार हुआ खराब :
बांसघाट विद्युत शवदाह गृह पिछले तीन माह में दो बार खराब हो चुका है। इसके पहले इसके पहले एक मार्च से चार मार्च तक मशीन खराब थी। सूत्रों की मानें तो जिस एजेंसी के पास मेनटेनेंस का जिम्मा था। उसका कार्यकाल पूरा हो गया है। बांसघाट में दो इलेक्ट्रिक मशीनें है। जिसमें एक दो साल से खराब पड़ा है। निगम की महापौर सीता साहू ने कहा कि दो-तीन दिनों में खराबी दूर करा दी जाएगी। पूर्व के ठेकेदार को बुलाया गया है। निविदा प्रक्रिया भी जल्दकूरी जाएगी। इसके बाद समस्या दूर हो जाएगी। निगम सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। शहर में सफाई की व्यवस्था काफी हद तक सुधरी है।