क्वारंटाइन होने का डर, पटना से कम हो रहा हवाई सफर; ट्रेन के लिए भी नहीं मिल रहे यात्री
ट्रेनों में कभी महीनों पहले बुकिंग कराने पर भी कंफर्म टिकट नहीं मिलता था मगर अब आसानी से टिकट उपलब्ध है। मुंबई पुणे बेंगलुरु जैसे रूटों पर तो ट्रेनों की सीटें खाली रह जा रहीं।
पटना, जेएनएन। ट्रेनों में कभी महीनों पहले बुकिंग कराने पर भी कंफर्म टिकट नहीं मिलता था, मगर अब आसानी से टिकट उपलब्ध है। मुंबई, पुणे, बेंगलुरु जैसे कई रूटों पर तो ट्रेनों की सीटें खाली रह जा रहीं। कुछ ऐसा ही हाल विमान सेवा का भी है। 25 से 30 फीसद विमान की सीटें खाली रही हैं।
बाहर से आ रहे विमानों में 95 परसेंट सीटें फुल
लॉकडाउन शुरू होने के बाद 25 मई से देश में फिर विमानों का परिचालन शुरू हो गया। इसके बाद दूसरे राज्यों से तो यात्री बड़ी संख्या में पटना आ रहे हैं पर यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई जाने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम है। स्थिति यह है कि बाहर से आने वाले विमानों में 95 फीसद तक सीटें भरी रहती हैं, वहीं पटना से उड़ान भरने वाले विमानों में 40 फीसद यात्री भी नहीं होते हैं।
क्वारंटाइन मुख्य वजह
दरअसल महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई अन्य राज्यों ने वहां पहुंचने वाले विमान यात्रियों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन पर रखने की घोषणा की है। यह भी पटना से दूसरे शहरों में जाने वाले यात्रियों की कम संख्या का प्रमुख कारण है। वहीं विमान से बिहार आने वाले यात्रियों को क्वारंटइन नहीं किए जाने के कारण यहां आने वाले यात्रियों की भीड़ है। बेंगलुुरु जाने वाली उड़ानों में थोड़े अधिक यात्री रह भी रहे हैं परंतु मुंबई जाने वाली विमानों में यात्रियों की संख्या में काफी कमी आ गई है। अगर यही हालत रहा तो निजी विमान कंपनियां एक बार फिर से विमानों के परिचालन पर सोचने को मजबूर हो सकती हैं।
तिथिवार आंकड़े
25 मई - 11 जोड़ी विमान
यात्री पहुंचे - 1570
यात्री रवाना हुए - 789
26 मई - 10 जोड़ी विमान
यात्री पहुंचे - 1491
यात्री रवाना हुए - 584
27 मई - 10 जोड़ी विमान
यात्री पहुंचे - 1728
यात्री रवाना हुए - 687
कहते हैं अधिकारी
पटना से जाने वाली फ्लाइटों में यात्रियों की संख्या 40 फीसद के करीब रह रही है। यहां आने वाले विमानों में 95 फीसद तक सीटें भरी रहती हैं।
- बीसीएच नेगी, पटना एयरपोर्ट निदेशक
ट्रेनाें की भी यही स्थिति
पटना से दूसरे राज्यों में जाने वाली ट्रेनों की भी यही स्थिति है। बाहर के राज्यों में क्वारंटाइन के डर से यात्री अभी यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। लोगों की मानें तो दूसरे राज्यों में क्वारंटाइन के दौरान कहां रखेंगे। होटल में रखेंगे या किसी स्कूल या सामुदायिक भवन में रखेंगे। यदि होटल में रखेंगे तो उसका बिल कौन देगा, यही सब सोचकर लोग यात्रा करना नहीं चाह रहे हैं।