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दूसरे राज्यों में भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे बिहार के किसान

आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की घोषणा से बिहार के किसानों को भी व्यापक बाजार मिल सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 12:58 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 12:58 AM (IST)
दूसरे राज्यों में भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे बिहार के किसान
दूसरे राज्यों में भी अपने उत्पाद बेच सकेंगे बिहार के किसान

पटना। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की घोषणा से बिहार के किसानों को भी व्यापक बाजार मिल सकेगा। उत्पादों को दूसरे राज्यों तक ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी। कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 2006 में ही कृषि उपज विपणन अधिनियम को समाप्त कर दिया गया था। किंतु अन्य राज्यों में प्रभावी होने के कारण बिहार के किसान दूसरे राज्यों में अपनी फसल नहीं बेच पाते थे।

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अब आवश्यक वस्तु अधिनियम में केंद्र सरकार के संशोधन की पहल से बिहार के किसानों को फायदा होगा। खाद्यान्न, तेलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे उत्पादों को नियंत्रण से मुक्त कर दिया जाएगा। इन वस्तुओं के लिए कोई स्टॉक लिमिट नहीं रहेगी। केवल असाधारण परिस्थितियों में ही इन्हें नियंत्रित किया जा सकेगा। बिहार के किसान बाहर के राज्यों में भी फसल बेच पाएंगे। उत्पादों को दूसरे राज्य तक ले जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। न कोई शुल्क लगेगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के पास फसलों की बुआई के समय उचित दाम के आकलन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। इसके लिए सरकार कानूनी ढांचे के जरिए किसानों को मदद करेगी। जोखिम रहित खेती, गुणवत्ता तथा मानकीकरण की बात इस फ्रेमवर्क में की जाएगी। इससे किसानों का उत्पीड़न रुकेगा। माली हालत में सुधार होगा।

राज्य ब्यूरो, पटना : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के रिसर्च विभाग की ओर से रविवार को बिहार में किसानों का वर्तमान और भविष्य विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा आयोजित की गई। इस चर्चा में अलग-अलग विषयों के जानकारों ने भाग लिया। बिहार कांग्रेस रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज और कल की परिस्थिति में बहुत का फर्क है। कोविड 19 के कारण कृषि में भी बड़ा परिवर्तन आना वाला है और हमें उस परिवर्तन के हिसाब से अपनी कृषि नीति का निर्धारण करना होगा। देश को जीवित रखनें के लिये किसान हित में सोचना आज हमारा पहला कार्य है। परिचर्चा में शामिल अधिकांश वक्ताओं ने इस दौरान कृषि क्षेत्र में सुधार और नई नीति निर्धारण को लेकर अपने सुझाव रखे। प्रदेश रिसर्च विभाग के सचिव सौरभ सिन्हा ने कहा कि हमारा प्रयास होगा की वक्ताओं के सुझावों को हम अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सकें।


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