कोरोना काल में वट सावित्री व्रत करना पड़ा महंगा, समूह में पूजा करने वाली 55 महिलाओं पर केस दर्ज
बिहार में फीजिकल डिस्टेंसिंग को लेकर नया मामला सामने आया है। यह वट सावित्री पूजा से जुड़ा हुआ है। मामला बिहार के नालंदा जिले का है। समूह में पूजा करने के कारण दर्ज हुआ केस।
नालंदा, जेएनएन। बिहार में फीजिकल डिस्टेंसिंग को लेकर नया मामला सामने आया है। यह वट सावित्री पूजा से जुड़ा हुआ है। मामला बिहार के नालंदा जिले का है। वहां सामूहिक रूप से वटवृक्ष की पूजा करना करना महिलाओं को महंगा पड़ा। फीजिकल डिस्टेंसिंग पालन नहीं करने के कारण शनिवार को 55 महिलाओं पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इसे घोर लापरवाही माना है और कहा है कि सभी महिलाओं को जमानत लेनी होगी।
दरअसल, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान कोई भी आवश्यक कार्य करने के लिए सरकार की ओर से कुछ कड़े फैसले किए गए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण फिजिकल डिस्टेंसिंग है। महामारी कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर जेल तक भेजने का प्रावधान है। जिले में शुक्रवार को वट सावित्री व्रत पर वट वृक्ष के नीचे सामूहिक रूप से पूजा करतीं 55 सुहागिनें देखी गईं जिन पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
इस संबंध में थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में फिजिकल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का केस इन महिलाओं पर किया गया है। कानून सभी के लिए बराबर है। केस टिकुलीपर, एतवारी बाजार, अखाड़ापर, खंदकपर मोहल्ले में सार्वजनिक रूप से पूजा करने वाली महिलाओं पर किया गया है। इन्हें थाने से जमानत लेनी होगी। लॉकडाउन पिछले दो माह से लागू है, यह सभी को पता है। ऐसे में इसका उल्लंघन किया गया है तो यह भूलवश नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया है।
बहरहाल, यह पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि कुछ लाेगों का कहना है कि फीजिकल डिस्टेंसिंग का पालन तो हर किसी को करना ही चाहिए। बता दें कि बिहार में इन दिनों काफी तेजी से कोरोना संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं। शनिवार को अब तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा लगभग 2400 के निकट पहुंच गया है। हालांकि, अब तक 593 मरीज संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं।