अब बिहार में भवन निर्माण के लिए नहीं काटे जाएंगे पेड़... नीतीश सरकार ने लिया बड़ा फैसला...
अब बिहार में भवन निर्माण के लिए नहीं काटे जाएंगे पेड़। नीतीश सरकार ने लिया है बड़ा फैसला। यदि जरूरत पड़ी तो पेड़ को उखाड़ कर उसे दूसरी जगह पर लगाया जाएगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। निर्माण के दौरान पेड़ों की तबाही को रोकने के लिए नीतीश सरकार खास इंतजाम कर रही है। कोशिश है कि प्रस्तावित निर्माण स्थल के सभी पेड़ सुरक्षित ढंग से कहीं और लगा दिए जाएं। इसके बाद ही निर्माण हो। पेड़ लगाने यानी उसे ट्रांसप्लांट करने से लेकर उसके रखरखाव तक की जिम्मेवारी एक ही एजेंसी को देने का नीतिगत निर्णय लिया गया था।
भवन निर्माण विभाग ने दो एजेंसियों को इस काम का जिम्मा दे दिया है। ये कोलकाता और नई दिल्ली की एजेंसियां हैं। जनवरी में इसके लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। कई एजेंसियों की निविदा आई थी। पूर्व अनुभव को देखते हुए इन एजेंसियों का चयन किया गया है। जल्द ही एकरारनामा होगा और दोनों एजेंसियां काम करने लगेंगी।
भवन निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव कश्यप कुमार गुप्ता के मुताबिक ट्रांसप्लांटेशन के दायरे में हर तरह के पेड़ को रखा गया है। तीन सौ से छह सौ मिलीमीटर घेरा वाले पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन के लिए एजेंसी को सात हजार रुपये दिए जाएंगे। रख रखाव के ढाई हजार रुपये अलग से होंगे। ढाई से पांच हजार मिलीमीटर तक के घेरा वाले पेड़ों के ट्रांसप्लांटेशन की दर 25 हजार रुपये प्रति पेड़ रखी गई है। रख रखाव के लिए प्रति पेड़ तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। पेड़ों के घेरे के आधार पर ट्रांसप्लांटेशन की दर सात हजार से 25 हजार रुपये के बीच होगी।
अभियंता प्रमुख के मुताबिक इन पेड़ों को निर्माण स्थल से पांच से 20 किमी के बीच ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इसके लिए अलग अलग दर तय की गई है। यह दो सौ से छह हजार रुपया के बीच है। विभाग के अधिकारी बीच-बीच में मुआयना करेंगे कि पेड़ों का रख रखाव ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं। उम्मीद की जा रही है कि ट्रांसप्लांटेशन के फैसले के बाद निर्माण के लिए पेड़ों का कटना बंद हो जाएगा।