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बिहार: महागठबंधन के छोटे दलों की RJD-कांग्रेस से कुट्टी, अब प्रशांत किशोर से जगी उम्मीद

बिहार में महागठबंधन के छोटे दलों ने राजद और कांग्रेस जैसे बड़े दलों को दरकिनार कर अब दिल्ली में शरण लिए हुए हैं। इन दलों को प्रशांत किशोर से उम्मीद जगी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:45 PM (IST)
बिहार: महागठबंधन के छोटे दलों की RJD-कांग्रेस से कुट्टी, अब प्रशांत किशोर से जगी उम्मीद
बिहार: महागठबंधन के छोटे दलों की RJD-कांग्रेस से कुट्टी, अब प्रशांत किशोर से जगी उम्मीद

पटना, राज्य ब्यूरो। महागठबंधन के छोटे दलों से राजद-कांग्रेस ने लगभग कुट्टी कर ली है। लालू प्रसाद मिल नहीं रहे हैं। कांग्रेस ने भी भाव देना बंद कर दिया है। अब नई उम्मीद प्रशांत किशोर से है। यही कारण है कि तीनों दलों के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है। प्रशांत किशोर से गुरुवार को एक दौर की मीटिंग हो चुकी है। शुक्रवार को शरद यादव के साथ तीनों घटक दलों के शीर्ष नेताओं की फिर बात हुई। इन नेताओं की आगे भी बातचीत होने की उम्‍मीद है।

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हिंदुस्‍तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतनराम मांझी, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और वीआइपी के मुकेश सहनी पिछले तीन दिन से दिल्ली में जमे हैं। तीनों का प्रयास गठबंधन में किसी तरह सम्मानजनक स्थिति प्राप्त करना है। ये राजद और कांग्र्रेस पर दबाव डालकर ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने की जुगत में है। तीनों नेता इसके लिए दिल्ली में रास्ता तलाश रहे हैं।

मुकेश सहनी ने दावा किया कि गठबंधन में सब ठीक है। बड़े नेताओं से बात हो रही है। समाधान निकल आएगा। हमलोगों ने अपनी बात और गठबंधन की समस्याओं से सबको अवगत करा दिया है। सबको मिलकर चलना है। सहनी ने कुछ नए दलों को जोडऩे का भी संकेत दिया। दरअसल यह प्रस्ताव प्रशांत किशोर का है।

मिलने गए नेताओं को प्रशांत ने साफ कहा है कि भाजपा-जदयू की ताकत के खिलाफ आपलोग एक होकर आइए तो मदद हो सकती है। उन्होंने महामोर्चा बनाने का सुझाव दिया है। किंतु यह तभी हो सकता है, जब राजद और कांग्र्रेस इसके लिए सहमत हो जाए।

विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है। राजद ने अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी है। तेजस्वी यादव रविवार से यात्रा पर निकल रहे हैं।  किंतु अभी तक महागठबंधन मेंं संयुक्त अभियान की तैयारी नहीं दिख रही है। ऐसे में तीनों घटक दलों की बेचैनी बढऩी स्वाभाविक है।


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