शराबबंदी को लेकर नीतीश ने दी डीजीपी को नसीहत, तो होम डिलीवरी के नाम पर विपक्ष को घेरा
बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को नसीहत दी है। साथ ही शराब की होम डिलीवरी को लेकर विपक्ष पर तंज भी कसा है।
पटना, जेएनएन। Nitish advises DGP on liquorban Then attacks on opposition in the name of home delivery : बिहार में शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को नसीहत दी है। साथ ही शराब की होम डिलीवरी को लेकर विपक्ष पर तंज भी कसा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को पटना के एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी को लेकर होम डिलीवरी की बात वही करते हैं जो शराब पीने के चक्कर में रहते हैं। इसे लेकर वैसे ही लोग आरोप लगाते रहते हैं। इसके साथ ही शराबबंदी को लेकर उन्होंने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को भी लगे हाथ नसीहत दे दी। कहा कि बिहार में शराबबंदी को अच्छे तरीके से लागू भी कराएं, तभी बिहार की प्रतिष्ठा और पुलिस बल के प्रति लोगों का सम्मान बढ़ेगा। पुलिस वालों ने शराब नहीं पीने और न पीने देने का संकल्प तो बहुत पहले ही ले लिया है। जरूरत संकल्प को पूरा करने की है।
मुख्यमंत्री ने शराब की होम डिलीवरी जैसे बयान देने वाले विपक्ष के नेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि ऐसा वही लोग कहते हैं जो पीने के चक्कर में रहते हैं। सीएम ने कहा कि शराबबंदी के समय लोग कहते थे कि पर्यटकों की संख्या घटेगी। हमने कहा था कि यहां पर्यटक पीने नहीं आते हैं। यह सही साबित हुआ। आज बिहार में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा पर्यटक राज्य में आए हैं। इनमें 10 लाख 85 हजार तो विदेशी पर्यटक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग हर जगह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। देश की सीमा पर भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में बिहारी पीछे नहीं हटते। सीआइएसएफ में तो शायद सबसे ज्यादा बिहार के जवान ही हैं। इस अवसर पर उन्होंने बिहार पुलिस के शहीद जवानों की याद में पटना में स्मारक बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय या अन्यत्र किसी उपयुक्त स्थल पर स्मारक बनेगा। कार्यक्रम को विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उद्योग मंत्री श्याम रजक, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने भी संबोधित किया।
दरअसल, चार-पांच दिन पहले डीजीपी ने औरंगाबाद में कहा था कि थाना के संरक्षण के बिना कोई शराब नहीं बेच सकता है। हालांकि, उन्होंने पुलिस को चेतावनी भी दी थी कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई जाएगी। बाद में डीजीपी का बयान सियासी मुद्दा बन गया। वहीं, विपक्ष की ओर से बार-बार आरोप लगाया जा रहा है कि बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। माना जा रहा है कि इसी को लेकर मुख्यमंत्री ने होम डिलीवरी के नाम पर विपक्ष को निशाने पर लिया।