महाशिवरात्रि को लेकर सजे शिवालय, जलाभिषेक के लिए मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, जानें शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर राजधानी के शिवालयों का रंग-रोगन देखते ही बना। शुक्रवार की सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे।
पटना, जेएनएन। महाशिवरात्रि पर राजधानी के शिवालयों का रंग-रोगन देखते ही बन रहा था। शुक्रवार की सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे। घरों में भी माहौल भक्तिमय हो गया था। भगवान शिव के भजन गाये जा रहे थे। भक्तों को मंदिर परिसर में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए थे।
महाशिवरात्रि को लेकर बाजारों की रौनक भी बढ़ी थी। प्रसाद, फूल आदि की खरीदारी जमकर हुई। भक्त मंदिरों में भगवान शिव को गंगाजल, दूध, भांग-धतुरा, शहद, गन्ने का रस आदि से जलाभिषेक करते रहे। मां गौरी की पूजा-अर्चना भी मंदिर परिसर में धूमधाम से होती रही। महाशिव रात्रि को लेकर ग्रह-गोचरों की स्थिति अनुकूल रही।
महाशिवरात्रि महोत्सव शोभा यात्रा समिति द्वारा शुक्रवार की दोपहर में सिमली से 22 वीं शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा अशोक राजपथ के रास्ते देर रात गायघाट स्थित गौरी शंकर मंदिर पहुंची। आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि शोभायात्रा में कई आकर्षक झांकियां होंगी। वहीं प्रमुख शिवालय बांस घाट सिद्धेश्वरी काली मंदिर स्थित शिव मंदिर, शिव मंदिर खाजपुरा, महावीर मंदिर पटना जंक्शन, मनोकामना मंदिर चित्रगुप्त नगर, शिव मंदिर बोरिंग रोड, पंचशिव मंदिर, जलेश्वर मंदीर कंकड़बाग, चूड़ी मार्केट आदि मंदिरों का पट सुबह से भक्तों के लिए खुल जाएगा जो देर रात तक खुला रहेगा। वहीं शिवरात्रि को लेकर विभिन्न पूजा समिति की ओर से भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश आदि की मनमोहक झांकी निकलेगी। गुरुवार की शाम से शिवालय जगमग हो गए थे।
भोलेनाथ का करें जलाभिषेक
भगवान भोले नाथ को दूध, दही, घी, सरसों का तेल, बेला का फूल, आक, अलसी व शमी पत्र को समर्पित कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। महाशिव रात्रि पर विशेष संयोग शुक्रवार को महाशिव रात्रि का पर्व श्रद्धालु धूमधाम से मना रहे हैं। पंडित राकेश झा ने कहा कि महाशिव रात्रि का पर्व पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना एवं गरीबों के बीच अन्न, कपड़ा आदि के दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शिव व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होने के साथ शिव की कृपा भक्तों पर बनी रहती है। सूर्य पुराण के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने निकलते हैं। मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।
पूजन का शुभ मुहूर्त -
अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11:41 बजे से 12:26 बजे तक
गुलीकाल मुहूर्त - सुबह 7:47 बजे से 9:13 बजे तक।