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#CAB के खिलाफ हमलावर हुए तेजस्‍वी, महागठबंधन नेताओं की शपथ का वीडियो किया ट्वीट

,CAB के खिलाफ हमलावर हुए तेजस्‍वी। महागठबंधन नेताओं की शपथ का वीडियो को ट्वीट कर एनडीए सरकार पर भड़ास निकाली। फेसबुक पेज पर भी उन्‍होंने सरकार को निशाना बनाया। नीतीश पर किया हमला।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 10:33 PM (IST)
#CAB के खिलाफ हमलावर हुए तेजस्‍वी, महागठबंधन नेताओं की शपथ का वीडियो किया ट्वीट
#CAB के खिलाफ हमलावर हुए तेजस्‍वी, महागठबंधन नेताओं की शपथ का वीडियो किया ट्वीट

पटना, जेएनएन। नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को लेकर एक बार बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने एनडीए सरकार पर हमला किया है। गुरुवार को उन्‍होंने न केवल ट्वीट किया है, बल्कि अपने फेसबुक पेज पर भी  केंद्र सरकार के साथ-साथ नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली है। इतना ही नहीं, उन्‍होंने ट्वीट कर एक वीडियो भी अपलोड किया है, जिसमें महागठबंधन के तमाम नेताओं ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ शपथ भी ली है। कहा है- 'हम शपथ लेते है कि इस विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगे। आइए हम सब शपथ लें। CAB-CAB नहीं चलेगा।' इस वीडियो में तेजस्‍वी के अलावा राजद के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष मदन मोहन झा, वीआइपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुकेश सहनी, हम के प्रवक्‍ता दानिश रिजवान समेत कई प्रमुख नेता नजर आते हैं।      

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उधर, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी ने गुरुवार को अपने फेसबुक पोस्‍ट में लिखा है- 'नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) एक ऐसा कानून है जो इस समाज को धर्म के आधार पर बांट देगा। हमारा संविधान कहता है कि धर्म के आधार पर हम ये निश्चित कभी नही करेंगे कि किस व्यक्ति का या किस समुदाय को कितने अधिकार मिलेंगे या कितनी सुविधाएं सरकार सुनिश्चित करेंगी। ये कानून संविधान और भारतीय परम्पराओं की धज्जियां उड़ाता है और धर्म के आधार पर भारत की नागरिकता को कानूनन रूप देती है।'

 

उन्‍होंने आगे लिखा है- 'शरणार्थी वही लोग होते हैं, जो जरूरत मंद होते हैं, सताये लोग होते हैं, जिनको उनके अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। ऐसे लोग कोई भी हो सकते हैं, चाहे हिंदू हो, मुसलमान हो, सिख हो या ईसाई हो। भारत की परंपरा रही है कि हम अपना हाथ बढ़ाते हैं और उनकी मदद करते हैं, लेकिन ये कानून अब ऐसा कुछ भी नहीं रहने देगा। इस कानून का एकमात्र उद्देश्य ये है कि एक धर्म के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता नहीं देना, बाकी सबको देंगे। ऐसा कानून कहीं देखा है? ऐसा कानून पाकिस्तान में हो सकता है, अफगानिस्तान में हो सकता है या फिर हिटलर के नाजी जर्मनी में हो सकता है, भारत में कभी नहीं हो सकता है। हम गंगा-जमनी तहज़ीब को बिगड़ने नहीं देंगे।' 

'हमें ये तय करना होगा कि हम पाकिस्तान बने या भारत, ऐसा नहीं हो सकता है कि हमारा कानून नाज़ी जर्मनी और पाकिस्तान जैसा हो, लेकिन हम हिंदुस्तान बने रहें? धर्म के नाम पर लोगों को सुविधा मुहैया करवाना, उनके अधिकार सुनिश्चित करना, ये न तो गांधी का सपना था, न अम्बेडकर का, न नेहरू का और न ही लोहिया और कर्पूरी ठाकुर का। ये सपना बस ज़िन्ना का था या फिर सावरकर, गोलवलकर और गोडसे का, जिनको ये भारत रत्न बांटने वाले हैं।' 

उन्‍होंने यह भी लिखा है- 'इ काले क़ानून का साथ नीतीश कुमार का JDU दे रहा है, जो अपने आप को सेक्‍यूलर कहता है। फिर से नीतीश कुमार जी ने अपने नीति, सिद्धांत और विचार को बेच दिया। इनका भी सपना लगता है अब हिंदू राष्ट्र बनाने का हो गया है, जिसमें कोई सम्मान से नहीं रह सकता। क्या नीतीश कुमार नहीं जानते कि यह कानून गलत है और समाज को बांटेगा, लेकिन साहब कुर्सी के चक्कर में संविधान, समाज, जनादेश और समाज के लोगों से विश्वासघात कर रहे हैं। आखिर नीतीश कुमार की मजबूरी क्या है? किससे डरे हुए हैं कि कट्टर साम्प्रदायिक तक बनने को तैयार हो गए हैं? वो खुद भी भी चंद दिनों पहले तक ऐसे कानून का विरोध कर रहे थे।' उन्‍होंने कहा कि संविधान के द्वारा समानता का अधिकार को हम ऐसे ही सुरक्षित रख सकते हैं, CAB के खिलाफ लोगों के बीच जाएं, NRC के खिलाफ आवाज बुलंद करें।


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