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बादशाही नाले पर अतिक्रमण कर बनीं पांच बहुमंजिला इमारतें ध्वस्त

सितंबर के अंत में राजधानी में हुई भारी बारिश के बाद कंकड़बाग राजेंद्रनगर सहित कई इलाके जलमग्न हो गए थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 06:09 AM (IST)
बादशाही नाले पर अतिक्रमण कर बनीं पांच बहुमंजिला इमारतें ध्वस्त
बादशाही नाले पर अतिक्रमण कर बनीं पांच बहुमंजिला इमारतें ध्वस्त

पटना। सितंबर के अंत में राजधानी में हुई भारी बारिश के बाद कंकड़बाग, राजेंद्रनगर सहित कई इलाके जलमग्न हो गए थे। इसके बाद प्रशासन ने जल निकासी के स्रोत बादशाही नाले पर अतिक्रमण कर खड़ी की गई इमारतों को गिराने का निर्णय लिया। प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर शनिवार को पांच बहुमंजिली इमारतों को भारी मशीनों ने तोड़कर जमींदोज कर दिया। बादशाही नाला फुलवारीशरीफ के गोनपुरा से फतुहा में पुनपुन नदी तक बहता है। मकान बनाकर लोगों ने इसका अतिक्रमण कर लिया है। इससे जल बहाव अवरुद्ध हो गया है।

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शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल के नेतृत्व में इस नाले से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी कुमार रवि और नगर निगम की टीम मौके पर मौजूद थी। आयुक्त ने बताया कि अब तक पटना सदर अंचल क्षेत्र में नंदलाल छपरा से बादशाही पईन तक आठ पक्के मकानों को तोड़ा गया है। सात अस्थायी अतिक्रमण को भी हटा दिया गया है। सदर अंचल क्षेत्र में अबतक 46 अतिक्रमण की पहचान की गई है। अब तक 19 स्थायी और 14 अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए हैं।

दानापुर अंचल क्षेत्र में लेखानगर इलाके में तीन स्थायी और आठ अस्थायी अतिक्रमण भी हटाया गया। दानापुर क्षेत्र में अब तक अतिक्रमण कर बने 32 निर्माण की पहचान की गई है। इन्हें निकासी के स्रोत आहर-पईन को भरकर बनाया गया है। संपतचक अंचल क्षेत्र में 57 अतिक्रमण की पहचान की गई है। इनमें 29 को हटा दिया गया है। फुलवारीशरीफ क्षेत्र के 66 अतिक्रमण में दो पक्के और आठ कच्चे मकान तोड़े गए हैं।

प्रमंडलीय आयुक्त ने वन विभाग को बादशाही नाले पर पेड़ों का निरीक्षण कर नंबर अंकित करने का निर्देश दिया है। जल संसाधन विभाग को उड़ाही के लिए कार्य योजना बनाने को कहा गया है।

: 29 किमी लंबा है बादशाही नाला :

बादशाही नाला पटना के दक्षिण फुलवारीशरीफ से फतुहा, पटना सदर, संपतचक और फतुहा तक करीब 29 किलोमीटर लंबा है। पूरी तरह इस परंपरागत जलबहाव के स्रोत का लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। पूर्व में कई बार अतिक्रमण हटाने की योजना बनी लेकिन विरोध के कारण इसे अंजाम नहीं दिया जा सका। ज्ञात हो कि कुछ विभागों ने इस नाले की उड़ाही के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।


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