शिवांनद का बड़ा हमला: नीतीश कुमार अंदर से हिल गए लगते हैं, जदयू ने किया पलटवार
राजद के शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला किया है। पलटवार करते हुए जदयू ने भी उसी अंदाज में जवाब दिया है। कहा- शिवानंद ने झूठ बोलने का सीएंडएफ लिया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के राजनीतिक गलियारे में इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राजद की ओर से चौतरफा हमला किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने करारा प्रहार किया है। वहीं शिवानंद तिवारी पर जदयू ने जबर्दस्त पलटवार किया है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि शिवानंद झूठ बोलने की सीएंडएफ हैं।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जदयू के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लगता है कि नीतीश अंदर से हिल गए हैं। भाषा-शैली में शालीनता उनकी पूंजी रही है, जिसे अब चूकते हुए दिख रहे हैं। उनके भाषण में धमकी का स्वर सुनाई दे रहा था। निशाने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव थे। उन्होंने अपने गठबंधन के वैसे लोगों को भी निशाने पर लिया जिनसे उन्हें चुनौती मिल रही है।
शिवानंद ने कहा कि तेजस्वी पर उपहास उड़ाने को राजद की जीत के रूप में देखते हैं, क्योंकि जो काम अभी तक जदयू के प्रवक्ता और सुशील मोदी कर रहे थे, उसे अब खुद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति की एक नैतिक आभा बनाई थी। इसी से उनकी राष्ट्रीय छवि बनी थी, किंतु महागठबंधन से हटने के बाद उनकी आभा खत्म हो गई। जनता बेदम है। दफ्तरों में सुनवाई नहीं है। नीतीश की राजनीति के समापन की घड़ी दिखाई देने लगी है। वह खुद भी देख रहे हैं, इसीलिए उनका आत्मनियंत्रण हिल गया लगता है।
उधर जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि राजद नेता शिवानंद तिवारी ने झूठ बोलने का सीएंडएफ ले ले लिया है। लालू प्रसाद की पालकी ढोते-ढोते अब उनके बेटों को भी ढोने लगे हैैं। उनके वक्तव्य से यह साबित हो रहा कि मानसिक रूप से वह कितने बीमार हैैं। उन्होंने कहा कि मौकापरस्त शिवानंद तिवारी के हाड़ में हल्दी नीतीश कुमार ने ही लगवाया है। वर्ष 1996 में समता पार्टी से एमएलए बनवाया और फिर 2007 में जदयू की ओर से राज्यसभा भेजा।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की बदौलत ही शिवानंद तिवारी राजनीतिक रूप से जिंदा हो पाए थे, पर वह किसी के नहीं हो सकते। अपने लाभ के लिए शिवानंद किसी स्तर तक नीचे गिर सकते हैैं। जब इतिहास में थोड़ी चर्चा होगी तो उन्हें आस्तीन के सांप के रूप में जाना जाएगा। उनके जैसा व्यक्ति कभी भी किसी के लिए ईमानदार नहीं हो सकता। वह नटवरलाल हैैं। सिर्फ अपना फायदा देखते हैैं। राजनीति में वह पिछलग्गू बन कर रहे हैैं।