पुस्तक मेले में प्रतिभागियों ने कविता की प्रस्तुति से जीता दिल
बिहार हिदी साहित्य सम्मेलन परिसर में लगे पुस्तक चौदस मेले के पांचवें दिन बुधवार को स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच हुई प्रतियोगिता
पटना। बिहार हिदी साहित्य सम्मेलन परिसर में लगे पुस्तक चौदस मेले के पांचवें दिन बुधवार को स्कूल के छात्र-छात्राओं की भीड़ खूब रही। पांचवें दिन स्कूली छात्रों के बीच स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों ने बढ़-चढ़ कर भाग लेते हुए एक से बढ़कर एक कविताओं की प्रस्तुति की। छात्र कवि सत्यमेधा कुमार ने 'राष्ट्रभाषा हिंदी' शीर्षक से अपनी कविता पेश करते हुए 'आओ हम सब मिलकर एक नया इतिहास रचें, अपनी भाषा हिदी को विश्व में विख्यात करें' सुनाई। वही छात्रा प्रेरणा कुमारी ने बाल विवाह पर अपनी कविता 'पढ़ने-लिखने की उम्र में बंध गए बंधन में, खेल-खिलौने बिखर गए, बचपन के थे जो छिन गए' पेश कर सभी का ध्यान खींचा। वही छात्रा विनिशा ने पुलवामा के शहीदों को याद करते हुए कहा कि 'चीख उठे अखबार देखकर सोचो कि मंजर क्या होगा, ताबूत खून से सना हुआ, सोचो अंदर क्या होगा' वही पीयूष कुमार ने 'आया हूं इस दुनिया में सोच रहा हूं कुछ कर जाऊं, दुनिया एक नई बना कर अपना नाम अमर कर जाऊं' छात्र राजप्रीत ने 'वक्त ओ पंछी है प्यारे जिसे न पिंजरबंद कर पाएगा, अवसर हाथ से निकल गया जीवन भर पछताएगा' ने पेश कर सभी का दिल जीता। काव्य प्रस्तुति के दौरान छात्र कवि सम्राट प्रियदर्शी, प्रवीण कुमार, अनुप्रिया, कुशल राज, किसलय, अंशुमान, कोमल झा, सलोनी कुमारी, सूरज कुमार, मानसी कुमारी, खुशबू, रविराज नारायण, राज आर्यन, अमन प्रेम आदि ने अपनी कविताएं पेश कीं। वही सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि 22 सितंबर को आयोजित सम्मान समारोह में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। प्रथम स्थान पाने वाले प्रतिभागी को एक हजार रुपये, स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र एवं दूसरा स्थान पाने वाले को 700 रुपये, रजत पदक, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले को 500 रुपये, कांस्य पदक व प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। वही सभी प्रतिभगियों को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। पुस्तक मेले में छात्रों ने अपनी रुचि के अनुसर पुस्तकों की खरीदारी की। मेले में बिहार हिदी ग्रंथ अकादमी, राष्ट्रीय न्यास मेला, हिदी साहित्य सम्मेलन सहित कई प्रकाशकों की ओर से पुस्तक स्टॉल पर सभी का ध्यान आकर्षित करते रहीं। इस अवसर पर प्रतियोगिता आयोजन समिति के संयोजक प्रो. सुशील कुमार झा, डॉ. नागेश्वर यादव, कृष्ण रंजन सिंह, डॉ. शालिनी पांडेय, जय प्रकाश पुजारी, निर्णायक मंडल के सदस्यों में डॉ. मधु वर्मा, प्रो. बासुकीनाथ झा, डॉ. कल्याणी कुसुम सिंह, डॉ. सीमा रानी सहित लोग मौजूद थे।