रघुवंश का दावा- JDU-RJD में पक रही खिचड़ी, नीतीश पर तेजस्वी-त्यागी ने कहीं बड़ी बातें
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान के बाद बिहार में शनिवार को अचानक सियासत तेज हो गई। एनडीए के तमाम नेता इसमें कूद पड़े। तेजस्वी ने भी बड़ी बात कह डाली।
पटना, जेएनएन। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बयान के बाद बिहार में शनिवार को अचानक सियासत तेज हो गई। यहां तक कि उनके इस बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी सामने आ गए हैं। उन्होंने रघुवंश सिंह के बयान को उनका निजी विचार बताया तो जदयू ने इस पर चुटकी ली। वहीं, एनडीए में शामिल घटक दल बीजेपी व लोजपा ने भी राजद नेता रघुवंश सिंह पर हमला किया है और इसे उम्र का दोष बताया है। उधर, रघुवंश सिंह के बयान को कांग्रेस का समर्थन मिला है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उनके बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, जबकि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने इसे बेबुनियाद बताया।
दरअसल, रघुवंश प्रसाद सिंह ने शनिवार को बिहार के सियासी गलियारे में उस समय सनसनी मचा दी, जब उन्होंने मीडिया से कहा कि जदयू और राजद में अंदर खाने बात चल रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिनिश करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन के हिस्सा होंगे। मीडिया से बातचीत करते हुए रघुवंश ने भाजपा नेता संजय पासवान और सीपी ठाकुर के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा में हर बयान का मतलब होता है। बकौल रघुवंश, संजय ने नीतीश कुमार को बिहार खाली करने की सलाह दी और बाद में सीपी ठाकुर ने इसकी पुष्टि की। रघुवंश के मुताबिक, नीतीश कुमार के लिए ऐसे बयान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर दिलाए गए। नीतीश को दिल्ली जाने का इशारा किया जा रहा है। किंतु राजद ऐसा आंदोलन खड़ा करेगा कि हम सबलोग साथ आ जाएंगे। रघुवंश ने दावा किया कि अंदरखाने बात और कोशिश शुरू भी हो चुकी है और बहुत जल्द नतीजा भी आएगा।
रघुवंश सिंह की ओर से इस बयान के आने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे एक सिरे से नकार दिया। उन्होंने मीडिया से ही उल्टे सवाल कर बैठा कि महागठबंधन से कौन भागे थे। उन्होंने कहा कि नीतीश चाचा ने महागठबंधन के साथ ही बीजेपी को भी धोखा दिया है। उनके साथ अब कभी रिश्ता नहीं हो सकता है। उन्होंने महागठबंधन को धोखा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश के पास अपनी कोई ताकत नहीं है।
इधर, राजद नेता रघुवंश सिंह के बयान पर एनडीए में बयानबाजी तेज हो गई है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि बयान में कोई दम नहीं है। कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। कथित महागठबंधन में नीतीश कुमार के वापस लौटने का कोई प्रश्न ही नहीं है। नीतीश कुमार ने महागठबंधन क्यों छोड़ा था, यह सार्वजनिक है। लालू प्रसाद के परिवार और तेजस्वी पर घोटाले को लेकर गंभीर आरोप थे। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को सिर्फ इतना कहा था कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में सार्वजनिक रूप से सफाई दे दें। कई बार कहने पर भी तेजस्वी ने नीतीश कुमार के परामर्श पर कोई ध्यान नहीं दिया। नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर चलते हैैं। वह स्वयं ही महागठबंधन से अलग हो गए। जबकि उन्होंने ही इसका नामकरण भी किया था। त्यागी ने कहा कि यह बात बिल्कुल ही भ्रामक है कि एनडीए से अलग हो जाएगा जदयू। एनडीए में जदयू के शामिल रहने को लेकर किसी तरह के असमंजस की कोई स्थिति नहीं है। वहीं मीडिया से बात करते हुए जदयू के निखिल मंडल ने कहा कि राजद के इस बयान में कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि जब खुद तेजस्वी यादव ने उनके बयान से किनारा करते हुए तवज्जो नहीं दिया तो विरोधी भला क्यों देंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वे इसी तरह का बयान देते रहे हैं।
दूसरी ओर, लाेजपा सांसद व नीतीश सरकार में शामिल रहे मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि रघुवंश सिंह के बयान में कोई दम नहीं है। यह उनका निजी विचार है। एनडीए पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि यह सब रघुवंश बाबू की उम्र का दोष है।
वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि इस बयान में जरा सी भी सच्चाई नहीं है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बेहतर परफॉर्मेंस दे रही है। जब उनसे पूछा पूछा कि बीजेपी पर ही नीतीश कुमार को फिनिश करने की साजिश का आरोप लगा रहे हैं, तो उन्होंने इससे इनकार किया। उन्होंने रघुवंश सिंह पर हमला करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के समय भी वे बयान दे रहे थे कि अब केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं बनेगी और नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। इसका क्या हुआ, जनता देख रही है।
इतना ही नहीं, रघुवंश सिंह के बयान को कांग्रेस का समर्थन मिला है। कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि रघुवंश सिंह वरिष्ठ और अनुभव वाले नेता हैं और उनके बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह कोई बात होती है। नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ते हैं तो कांग्रेस के अालाकमान भी इस पर विचार करेंगे।