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पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का दिल्ली में निधन, बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का दिल्ली में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से बिहार में शोक की लहर है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 11:03 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 10:34 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का दिल्ली में निधन, बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र का दिल्ली में निधन, बिहार में तीन दिनों का राजकीय शोक
पटना [जेएनएन]। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र का सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे। उनके निधन से पूरे बिहार में शोक की लहर व्याप्त है। उनका अंतिम संस्कार सुपौल जिल में उनके पैतृक गांव बलुआ बाजार में बुधवार को राजकीय सम्‍मान के साथ किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने दिल्ली के द्वारका स्थित अपने आवास (नीलांचल अपार्टमेंट) में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर सुनकर कांग्रेस के कई नेता उनके आवास पहुंचे और शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी। सीएम नीतीश कुमार ने जताया दुख
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक जताया है। बिहार में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। 
निधन पर नेताओं ने जतायी संवेदना 
बिहार के विभिन्न दलों के नेताओं ने भी डॉ. मिश्र के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। सबने कहा है कि दिवंगत नेता के इस तरह चले जाने से बिहार की राजनीति को गहरा आघात लगा है। विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी, मंत्री नीरज कुमार, बेनीपुर विधायक सुनील चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी, कांग्रेस विधायक अशोक राम, जदयू नेता रंजीत झा ने भी शोक जताया। इसके अलावे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह, जदयू सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन, एमएलसी आदित्य नारायण पाण्डेय ने भी पूर्व सीएम के निधन पर शोक जताया है।
तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. मिश्र 
डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र भारतीय राजनेता और बिहार के तीन पार मुख्यमंत्री रह चुके थे। उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया था। बाद में वे बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने थे। बचपन से ही उनकी रुचि राजनीति में थी। उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और देश के रेल मंत्री रहे थे।
डॉक्टर मिश्र विश्वविद्याल में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे 1975 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार उन्हें 1980 में उन्‍हें कमान सौंपी गई। आखिरी बार 1989 से 1990 तक वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वे 90 के दशक के में केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी रहे।
चारा घोटाला में मिली थी सजा
बिहार में डॉक्टर मिश्र का नाम बड़े नेता के तौर पर जाना जाता है । कांग्रेस छोड़ने के बाद, वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और फिर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में भी शामिल हुए।
30 सितंबर 2013 को चारा घोटाला मामले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया गया। उन्हें चार साल कारावास और दो लाख रुपये जुर्माना की सजा मिली। बाद में  उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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