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अपनी जान बचाने को खूनी खेल खेलती है व्यवस्था

नाटक के जरिए व्यवस्था पर किया करारा प्रहार

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 01:11 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 06:41 AM (IST)
अपनी जान बचाने को खूनी खेल खेलती है व्यवस्था
अपनी जान बचाने को खूनी खेल खेलती है व्यवस्था

पटना। गजब का हुजूर। खुद को खुदा बुझनेवाले, छवि चमकाने वाले, लोकप्रियता के लिए हर करम करने वाले हम ही बेहतरीन हुक्मरान हैं। हम नहीं रहेंगे तो सब कबाड़ हो जाएगा। लोकतंत्र समुद्र में चला जाएगा और जनता तो बेचारी जनता है। हुजूर का चाबुक सहने के लिए विवश। कुछ ऐसे ही संवाद मंगलवार को कालिदास रंगालय में सुनने को मिले। बिहार स्ट्रीट थिएटर अकादमी एंड रेपर्ट्वार बिस्तार पटना की ओर से शरद जोशी लिखित एवं उज्जवला गांगुली के निर्देशन में 'एक था गदहा उर्फ अलादाद खां' का मंचन किया गया है। कलाकारों ने अपने अभिनय से सामाजिक, प्रशासनिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर प्रहार कर आम आवाम के दर्द को बयां किया। किस प्रकार राजनीतिक पक्ष अपने स्वार्थ के लिए आम जनता को मूर्ख बनाए रखता है, राजनीतिक तिकड़मों के कारण देश में अशांति फैलती है, इसे नाटक में बखूबी दिखाया गया। नाटक के जरिए कलाकारों ने सत्ता के दोहरे चरित्र पर करारा प्रहार किया।

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ये थी कहानी -

नाटक में मुख्य किरदार जुग्गन धोबी होता है, जिसके गधे का नाम अलादाद खां है। उसकी आकस्मिक मृत्यु हो जाती है। दूसरी तरफ शहर में अलादाद खां नाम का ही एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। शहर का कोतवाल दरबार में देर से पहुंचने पर अपनी जान बचाने के लिए गधा अलादाद के मरने की खबर को इंसान के मरने की खबर बता देता है। इसे सुनकर नवाब अपने राज्य में शोक की घोषणा कर उसकी शव यात्रा को कंधा देने की घोषणा करता है। कोतवाल को जब उसकी पोल खुलने का डर सताता है तो वह शहर के एक व्यक्ति की हत्या कर उसे ही अलादाद खां बना देता है।

मंच पर कलाकार -

नबाव - शशांक कुमार

कोतवाल - सुमित सिंह

अलादाद खां - गुलशन कुमार

जुग्गन खां = दुर्गेश कुमार

सूत्रधार - अंशुमान विश्वास

चिंतक = अमरेंद्र प्रताप सिंह, आसिफ नवाज, राहुल राज

दरबारी - नितेश वर्मा, रवि कुमार, मनुभव, दीपक कुमार व अन्य कलाकारों ने अभिनय किया।

मंच परे कलाकार -

मंच परिकल्पना - प्रदीप गांगुली

प्रकाश परिकल्पना - अजीत गुज्जर

रूप सज्जा - उपेंद्र कुमार

वस्त्र विन्यास - एसकृष्णा नायडू

छात्रों को दिया गया प्रमाणपत्र -

नाटक के मंचन के बाद बिहार स्ट्रीट थिएटर अकादमी एंड रेपर्ट्वार विस्तार से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट कोर्स का प्रमाणपत्र दिया गया। प्रमाणपत्र पाने वालों में अरमान अंसारी, शालिनी, विभु कुमार, जबीउल्लाह को दिया। मौके पर आर्ट थियेटर के अमिय नाथ चटर्जी, अरुण कुमार सिन्हा, गुप्तेश्वर कुमार ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। वही बिहार आर्ट थियेटर की ओर से 27 जुलाई की शाम छह बजे कालिदास रंगालय परिसर में आम सभा की बैठक होगी। जिसमें सभी सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।


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