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चाय पकौड़ी से हुई दोस्ती, फिर झांसा देकर ढाई करोड़ की ठगी

पटना में महिलाओं से मीठी-मीठी बातें करके लाखों की ठगी

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 11:59 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 01:54 AM (IST)
चाय पकौड़ी से हुई दोस्ती, फिर झांसा देकर ढाई करोड़ की ठगी
चाय पकौड़ी से हुई दोस्ती, फिर झांसा देकर ढाई करोड़ की ठगी

पटना। महिलाओं से मीठी-मीठी बातें करके दोस्ती करतीं फिर उनके घर में बैठकर चाय-पकौड़ी खाती। इस तरह विश्वास में लेने के बाद करीब दो दर्जन से अधिक महिलाओं को ढाई करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है।

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दो महीने में रकम से बीस फीसद अधिक देने का झांसा देकर रुपये वसूले गए। घटना राजीव नगर थाना क्षेत्र के रोड नंबर 21 की है। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित महिलाएं दो दिन से अपने पैसे वापस लेने के लिए आरोपित महिला के घर का चक्कर लगा रही हैं। मंगलवार को राजीव नगर थाने में लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।

झांसे में फंसे सब्जी वाले से लेकर इंजीनियर और शिक्षक

पीड़ित महिलाओं ने बताया कि केसरी नंबर रोड नंबर निवासी चंद्रकला और उसके पति धर्मवीर कुमार दोनों मिलकर अर्पण एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी नाम से एक संस्था चलाते हैं। रोड नंबर 23 निवासी पीड़ित गीता ने बताया कि सबसे पहली उसकी मुलाकात इनसे हुई थी। उसने बताया कि वह मुहल्ले में किसी भी महिला से दोस्ती कर लेती थी और बातचीत करते-करते घर तक पहुंच जाती थी। फिर महिलाओं को प्रलोभन देती कि मुझे एक लाख रुपये दीजिएगा तो 60 दिनों में एक लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे। यह लाभ सरकारी योजना के तहत है। करीब छह माह पूर्व मुहल्ले की एक दर्जन महिलाओं से पांच से दस हजार रुपए ली और दो महीने में सभी को बीस फीसद बढ़ाकर रकम भी वापस करती रही। इससे मुहल्ले की महिलाओं का उस पर भरोसा बढ़ते गया। चंद्रकला और उसके संस्था से सब्जी वाली से लेकर इंजीनियर की पत्नी, रिटायर्ड अध्यापिका सहित करीब 25 महिलाएं जुड़ गई।

सभी को दिया था चेक, जमा करने पर हो गया बाउंस

चंद्रकला के झांसे में फंसकर राजीव नगर निवासी गीता कुमार ने आठ लाख रुपये, रीना देवी ने नौ लाख, इंदु देवी ने दो लाख रुपये, अर्पणा कुमारी ने सात लाख रुपये, अंजली कुमारी ने सात लाख रुपये, साधना कुमारी ने 12 लाख, रुचि रंजन ने 13 लाख रुपये, शिवानी ने दस लाख रुपये, तारकेश्वर देवी ने दस लाख रुपये, सोनी कुमारी ने नौ लाख रुपये, काजल कुमारी ने 18 लाख रुपये, संतोषी देवी ने तीन लाख और सराफा कारोबारी ने भी तीन लाख रुपये दिए। महिलाओं का आरोप है कि तीन महीने बाद जब पैसे देने की बारी आई तो चन्द्रकला मुकर गई। अब तो वह अपने घर भी नहीं मिलती। संदेह तब यकीन में बदल गया जब चंद्रकला द्वारा दिए गए सभी चेक बैंक मे ंबाउंस हो गए। यहां तक की चेक पर हस्ताक्षर भी फर्जी निकला।

पति हो चुका सम्मानित, सिलाई मशीन के नाम पर धोखा

चंद्रकला का पति धर्मवीर वेलफेयर सोसायटी भी चलाता है। उसने लक्ष्मी नाम की महिला को सिलाई सेंटर खोलने का झांसा देकर 50 हजार रुपये ठग लिए। बताया गया कि लड़कियों को फ्री में सिलाई मशीन मिलेगी। लक्ष्मी ने लड़कियों से दो-दो सौ रुपये वसूलकर दिए लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला। पीड़ित महिलाओं ने थाने में लिखित आवेदन दिया है। चंद्रकला और उसके पति पर पैसे लेने का आरोप है। केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मधुसूदन राजीव नगर थानेदार

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