सुप्रीम कोर्ट का फैसला हताश करने वाला : संघ
न्यायालय के फैसले को बताया आश्चर्यजनक
पटना। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हताश करने वाला ही नहीं, बल्कि आश्चर्यजनक है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही आधार बनाकर पटना हाईकोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन का फैसला सुनाया था। मौलिक अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अपने ही निर्णय से पीछे हटने जैसा है। निर्णय की कॉपी वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के निर्णय को रद कर दिया है। लेकिन, मामले की सुनवाई जारी रखेगा। अब सिविल के रूप में सुनवाई होगी। तय है मामला लंबा चलेगा। अब फैसला राज्य सरकार को लेना है कि शिक्षकों को उनके अधिकार के लिए संघर्ष कराएगी या न्याय देकर शैक्षणिक गुणवत्ता बहाल करने में शिक्षकों का सहयोग करेगी।
सुप्रीम कोर्ट का सम्मान, लेकिन फैसले से मायूसी
टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक एवं प्रदेश प्रवक्ता अश्रि्वनी पांडेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले से निराशा हाथ लगी है। आर्डर की कॉपी प्राप्त होने पर वरीय अधिवक्ता से विमर्श के बाद पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। राज्य सरकार ने गलत तथ्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को प्रभावित किया है। संघ इसका न्यायालय और सड़क पर जवाब देगा। इस फैसले से न्याय पाने की भूख समाप्त नहीं होगी, बल्कि और मजबूती के साथ संघर्ष के लिए प्रेरित होंगे। कई राज्यों में टीईटी-एसटीईटी एवं सीटीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को सहायक शिक्षक का दर्जा प्राप्त है तो बिहार में क्यों नहीं?
फैसला मौलिक अधिकार के प्रतिकूल
बिहार शिक्षक संघर्ष समिति ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह फैसला नियोजित शिक्षकों की हार नहीं है। बल्कि, मौलिक अधिकार के प्रतिकूल है। संघर्ष समिति के प्रवक्ता संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि नियोजित शिक्षक मौलिक अधिकार के लिए कोर्ट की शरण में गए थे। और पटना हाईकोर्ट ने मौलिक अधिकार को ही ध्यान में रखते हुए फैसला सुनाया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में मौलिक अधिकार को केंद्र नहीं बनाया गया। शनिवार को दिल्ली से कोर कमेटी की वापसी के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। संयोजक उपेंद्र राय ने बताया कि कोर्ट के आदेश का रिव्यू किया जा रहा है। फैसले के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। इसके अतिरिक्त भी कई मोर्चे पर संघर्ष प्रारंभ होगा।
राज्य सरकार ने कोर्ट को दी गलत जानकारी
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के अध्यक्ष पूरन कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने कोर्ट में गलत जानकारी दी है। वित्तीय संकट का रोना राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में रोया था, जबकि बिहार में ऐसी स्थिति नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार वंशीधर वृजवानी, प्रदीप कुमार पप्पू, आनंद कौशल आदि शिक्षक नेताओं ने कहा कि अब संघर्ष तेज होगा। अब फैसला राज्य सरकार को करना है कि नियोजित शिक्षकों के साथ न्याय करना है या दमन। नियोजित शिक्षक अपने मौलिक अधिकार की लड़ाई को जारी रखेंगे।