पटना में मरीजों को उनके परिजनों के साथ अस्पताल से पोलिंग बूथ पहुंचाएगी एंबुलेंस
इस बार लोकसभा चुनाव में पटना के अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती मरीज भी वोट दे सकेंगे। इसके लिए प्रशासन उन्हें उनके परिजनों के साथ बूथ तक पहुंचाएगा और वापस अस्पताल छोडेगा।
पटना, जेएनएन। सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीज भी लोकसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी कुमार रवि ने बुधवार को सरकारी तथा निजी अस्पतालों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर निर्देश दिया कि जिन मरीजों की हालत खतरे से बाहर है, उनको मतदान कराने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कराएं। सिविल सर्जन इस व्यवस्था में संयोजन का कार्य करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि मरीज मतदाताओं को उनके परिजनों के साथ मतदान केंद्र तक भेजने तथा मतदान के बाद वापस लाने के लिए एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। भारत निर्वाचन आयोग की थीम 'कोई मतदाता छूटे न', पूर्णत: सफल हो सके। सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों के प्रबंधकों को निर्देश दिया कि अस्पताल के मरीजों का नाम, उनका मतदान केंद्र तथा मतदान केंद्र पर ले जाने एवं लाने के लिए जिस एंबुलेंस का प्रयोग होगा, उसका वाहन संख्या 16 मई तक सिविल सर्जन को उपलब्ध करा दें, ताकि मतदान केंद्रों को सतर्क किए जाने के साथ-साथ प्रयोग में आने वाली गाडिय़ों को प्रवेश पत्र दिया जा सके।
जिलाधिकारी ने सभी सरकारी एवं निजी अस्पताल के प्रबंधकों को निर्देश दिया कि भर्ती मरीजों से मतदान करने की सहमति प्राप्त कर लें। उनकी चिकित्सीय स्थिति का भी आकलन कर लिया जाए। सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि बड़े सरकारी अस्पतालों से भी बात कर ऐसे मरीजों को मतदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। मरीजों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाए।
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