पढ़ाई के साथ नौकरी की भी चिंता करेंगे बिहार के कॉलेज और विश्वविद्यालय
बिहार में युवाओं को पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार पाने में मदद को विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर काम होगा।
By Edited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:49 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:44 AM (IST)
पटना, जेएनएन। पढ़ाई पूरी करने के बाद बच्चों की नौकरी की चिंता अब अभिभावकों के साथ सूबे के कॉलेज व विश्वविद्यालय भी करेंगे। इसके लिए राज्यपाल और कुलाधिपति लालजी टंडन की पहल पर शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए जो कार्य योजना तैयार की है। इसके मुताबिक हर छात्र को अब पढ़ाई के दौरान ही उस क्षेत्र में आगे बढ़ने और रोजगार से जुड़ी सारी संभावनाओं की जानकारियां दी जाएंगी। इसके लिए राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा परिषद से भी मदद ली जाएगी।
बीए और बीएससी प्रोफेशनल जैसे कोर्स होंगे शुरू
कुलाधिपति कार्यालय के स्तर से बिहार के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बीए और बीएससी प्रोफेशनल जैसे कोर्स शुरू करने जैसी योजना पर भी काम हो रहा है। खासकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तो आने वाले शैक्षणिक सत्र से ही इसे लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी हो रही है। जहां अब बीई या बीटेक जैसे कोर्स में वह सारा कुछ पढ़ाया जाएगा, जिसकी बाजार में मांग तेजी से बढ़ रही है, या फिर आने वाले दिनों में इसके बढ़ने की संभावना है। फिलहाल विशेषज्ञ कमेटी ने ऐसे नौ क्षेत्रों का चयन किया है, जिनमें रोबोटिक्स, साइबर सिक्यूरिटी, क्वांटम इंजीनिय¨रग, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी प्रिंटिंग और डिजाइन जैसे क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं।
नए सत्र से किया जाएगा लागू
इन सभी विषयों से जुड़े पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। नए सत्र से सभी कॉलेजों में होगा लागू सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते नए रोजगार के अवसरों को देखते हुए प्रदेश के युवाओं को विश्वविद्यालय एवं कॉलेज स्तर पर ही तैयार करने का मंत्र कुलपतियों को दिया है। इसमें कुलाधिपति कार्यालय भी मददगार की भूमिका में है। इसलिए शिक्षा विभाग ने नये सत्र से छात्राओं को रोजगार के लिए तैयार करने का फैसला लिया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति लाल जी टंडन ने हाल में राजभवन में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कहा था कि उच्च शिक्षा में छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने संबंधी कार्य योजना बनाकर उसे अमल में लाया जाएगा।
रोजगार पाने वाले छात्रों का रखा जाएगा ब्योरा
विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों से निकलने के बाद कितने छात्रों को रोजगार मिला और कितने को नहीं मिला, इसका भी पूरा ब्यौरा रखा जाएगा। हालांकि अभी यह साफ नहीं है, जिन्हें रोजगार नहीं मिलता है, उन्हें लेकर क्या किया जाएगा। लेकिन इस तरह का ब्योरा रखे जाने की योजना बनाई गई है। इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े यूजीसी और एआइसीटीई जैसे संस्थान फिलहाल इसे लेकर एक बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। रोजगार से जुड़े विशेषज्ञों और शिक्षाविदें की एक टीम भी लगाई गई है।
बीए और बीएससी प्रोफेशनल जैसे कोर्स होंगे शुरू
कुलाधिपति कार्यालय के स्तर से बिहार के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बीए और बीएससी प्रोफेशनल जैसे कोर्स शुरू करने जैसी योजना पर भी काम हो रहा है। खासकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तो आने वाले शैक्षणिक सत्र से ही इसे लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी हो रही है। जहां अब बीई या बीटेक जैसे कोर्स में वह सारा कुछ पढ़ाया जाएगा, जिसकी बाजार में मांग तेजी से बढ़ रही है, या फिर आने वाले दिनों में इसके बढ़ने की संभावना है। फिलहाल विशेषज्ञ कमेटी ने ऐसे नौ क्षेत्रों का चयन किया है, जिनमें रोबोटिक्स, साइबर सिक्यूरिटी, क्वांटम इंजीनिय¨रग, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, थ्री-डी प्रिंटिंग और डिजाइन जैसे क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं।
नए सत्र से किया जाएगा लागू
इन सभी विषयों से जुड़े पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। नए सत्र से सभी कॉलेजों में होगा लागू सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते नए रोजगार के अवसरों को देखते हुए प्रदेश के युवाओं को विश्वविद्यालय एवं कॉलेज स्तर पर ही तैयार करने का मंत्र कुलपतियों को दिया है। इसमें कुलाधिपति कार्यालय भी मददगार की भूमिका में है। इसलिए शिक्षा विभाग ने नये सत्र से छात्राओं को रोजगार के लिए तैयार करने का फैसला लिया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति लाल जी टंडन ने हाल में राजभवन में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कहा था कि उच्च शिक्षा में छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने संबंधी कार्य योजना बनाकर उसे अमल में लाया जाएगा।
रोजगार पाने वाले छात्रों का रखा जाएगा ब्योरा
विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों से निकलने के बाद कितने छात्रों को रोजगार मिला और कितने को नहीं मिला, इसका भी पूरा ब्यौरा रखा जाएगा। हालांकि अभी यह साफ नहीं है, जिन्हें रोजगार नहीं मिलता है, उन्हें लेकर क्या किया जाएगा। लेकिन इस तरह का ब्योरा रखे जाने की योजना बनाई गई है। इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े यूजीसी और एआइसीटीई जैसे संस्थान फिलहाल इसे लेकर एक बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। रोजगार से जुड़े विशेषज्ञों और शिक्षाविदें की एक टीम भी लगाई गई है।
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