MP के अपराधी पटना में करते थे रेकी, हरियाणा से शातिर बुला काटते थे ATM
राजधानी पुलिस ने सोमवार को एक ही रात चार थाना क्षेत्रों में एटीएम से नकदी चोरी करने वाले गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
By Edited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 07:51 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 12:31 PM (IST)
पटना, जेएनएन। पटना में पुलिस की शिथिलता का असर इस कदर हो गया है कि अपराधी अन्य प्रदेशों से आकर राजधानी में बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पटना में 15 जनवरी को एक ही रात चार एडीएम काटकर ले जाने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पूछताछ में उन्होंने मध्य प्रदेश और हरियाणा से अपने तार जुड़े होने की बात कबूली है।
हरियाणा से बुलाते थे गैंग
उनकी पहचान मध्यप्रदेश के बैतुल जिले के घोड़ाडोगरी थानान्तर्गत पाथरखेर गांव निवासी आलम शेर रजा उर्फ चुनमुन एवं बिहार के औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा थानान्तर्गत विष्णुपुर गांव निवासी शब्बीर अंसारी और टंडवा थानान्तर्गत जानकीपुर निवासी इबरार हुसैन के रूप में हुई है। चुनमुन भी कुटुम्बा के बंधुआ गांव में छिपकर रह रहा था। ये तीनों रेकी करने के बाद एटीएम काटने के लिए हरियाणा के मेवात गैंग के सदस्यों को बुलाते थे। इस गैंग के चार सदस्यों की तलाश पुलिस कर रही है। यह जानकारी सिटी एसपी (सेंट्रल) अमरकेश डी. ने दी।
15 जनवरी की रात हुई थी घटना
15 जनवरी की रात सफेद रंग की इनोवा पर सवार बदमाशों ने जक्कनपुर, कदमकुआं, आलमगंज और सुल्तानगंज थाना क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बैंकों की एटीएम को गैस कटर से काटकर नकदी चुरा ली थी। बैंकों से रकम का मिलान करने के बाद 28 लाख रुपये कैश की चोरी का पता चला था। एसएसपी गरिमा मलिक के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई थी। इसमें टाउन डीएसपी सुरेश कुमार, कदमकुआं थानाध्यक्ष निशिकांत निशि, विशेष सेल के इंस्पेक्टर विनय प्रकाश, दारोगा मो. गुलाम मुस्तफा और एएसआइ कुमार गौरव को शामिल किया गया था। टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का बारीकी से अवलोकन किया, जिससे कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले थे। इसी आधार टीम ने पड़ताल शुरू की।
कानपुर की पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम
एटीएम को काटकर नकदी चोरी की घटनाएं और किस राज्य में हुई है, इसकी जानकारी लेने के लिए पुलिस ने सौ से अधिक वेबसाइट को खंगाल डाला। तब पता चला कि कानपुर, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पुणे, झारखंड सहित अन्य राज्यों में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। पटना में घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी के फुटेज से निकली चोरों की तस्वीर को पुलिस ने उन सभी राज्यों में भेजा, जिससे मालूम हुआ कि यह हरियाणा के मेवात जिले के नूह इलाके के गैंग की कारस्तानी है। इस गिरोह पर कानपुर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा है।
वाइपास के रास्ते लौट गए थे शातिर
वहीं से पुलिस को शब्बीर अंसारी और इबरार हुसैन के औरंगाबाद का पता मिला। गिरफ्त में आने के बाद इन्होंने बताया कि पहले आलमगंज, फिर सुल्तानगंज और कदमकुआं तथा आखिरी में जक्कनपुर में एटीएम काटने के बाद वे बाईपास के रास्ते औरंगाबाद लौट गए। उन्होंने तुरंत रुपयों का बंटवारा कर लिया, जिससे शब्बीर ने 16 लाख रुपये में स्कॉर्पियो खरीदी। वारदात में प्रयुक्त इनोवा कार फरार मेवात गैंग के हसन की है। इसके अलावा उनके पास से 70 हजार नकद भी जब्त किए गए।
ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम
घटना में स्थानीय गिरोह के साथ मेवात गैंग के दो-तीन शातिर चोर रहते हैं। वे गूगल मैप से हाईवे किनारे स्थित ऐसे एटीएम की पहचान करते हैं जहा गार्ड नहीं होते। गिरोह के कुछ सदस्य पहले जाकर एटीएम रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ देते हैं। कुछ देर बाद गिरोह के दूसरे सदस्य गैस कटर लेकर जाते हैं पर गाड़ी को एटीएम से 100-200 मीटर दूर खड़ी करते हैं। गैस कटर चलाने वाले शातिर 10-15 मिनट में एटीएम काट लेते हैं। वे सिर्फ ऐसे एटीएम काटते हैं, जिनके साइड में कंक्रीट नहीं भरी होती। इसके बाद एटीएम कैसेट निकालकर नकदी उठा लेते हैं। गिरोह ने भागलपुर में भी वारदात करनी चाही पर सफल नहीं हो सके।
क्या है मेवात गैंग की विशेषता
मेवात गैंग को कुरैशी गैंग के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव में करीब एक हजार घर हैं। हर परिवार चोरी की घटना में संलिप्त है। यहां के ग्रामीण कद-काठी से लंबे-चौड़े होते हैं। पहले वे मवेशी चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। अब एटीएम और तिजोरी को काटकर नकदी चुराने लगे। इसका कारण यह है कि यहां के लोगों को उनके मजबूत शरीर की वजह से सिक्योरिटी एजेंसियों में आसानी से नौकरी मिल जाती है। एटीएम गार्ड की नौकरी करने के दौरान वे मशीन के पार्ट-पुर्जे खोलने के सभी गुर सीख जाते हैं। इसके बाद नौकरी छोड़ देते हैं।
हरियाणा से बुलाते थे गैंग
उनकी पहचान मध्यप्रदेश के बैतुल जिले के घोड़ाडोगरी थानान्तर्गत पाथरखेर गांव निवासी आलम शेर रजा उर्फ चुनमुन एवं बिहार के औरंगाबाद जिले के कुटुम्बा थानान्तर्गत विष्णुपुर गांव निवासी शब्बीर अंसारी और टंडवा थानान्तर्गत जानकीपुर निवासी इबरार हुसैन के रूप में हुई है। चुनमुन भी कुटुम्बा के बंधुआ गांव में छिपकर रह रहा था। ये तीनों रेकी करने के बाद एटीएम काटने के लिए हरियाणा के मेवात गैंग के सदस्यों को बुलाते थे। इस गैंग के चार सदस्यों की तलाश पुलिस कर रही है। यह जानकारी सिटी एसपी (सेंट्रल) अमरकेश डी. ने दी।
15 जनवरी की रात हुई थी घटना
15 जनवरी की रात सफेद रंग की इनोवा पर सवार बदमाशों ने जक्कनपुर, कदमकुआं, आलमगंज और सुल्तानगंज थाना क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बैंकों की एटीएम को गैस कटर से काटकर नकदी चुरा ली थी। बैंकों से रकम का मिलान करने के बाद 28 लाख रुपये कैश की चोरी का पता चला था। एसएसपी गरिमा मलिक के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई थी। इसमें टाउन डीएसपी सुरेश कुमार, कदमकुआं थानाध्यक्ष निशिकांत निशि, विशेष सेल के इंस्पेक्टर विनय प्रकाश, दारोगा मो. गुलाम मुस्तफा और एएसआइ कुमार गौरव को शामिल किया गया था। टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का बारीकी से अवलोकन किया, जिससे कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले थे। इसी आधार टीम ने पड़ताल शुरू की।
कानपुर की पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम
एटीएम को काटकर नकदी चोरी की घटनाएं और किस राज्य में हुई है, इसकी जानकारी लेने के लिए पुलिस ने सौ से अधिक वेबसाइट को खंगाल डाला। तब पता चला कि कानपुर, हरियाणा, मध्यप्रदेश, पुणे, झारखंड सहित अन्य राज्यों में ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। पटना में घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी के फुटेज से निकली चोरों की तस्वीर को पुलिस ने उन सभी राज्यों में भेजा, जिससे मालूम हुआ कि यह हरियाणा के मेवात जिले के नूह इलाके के गैंग की कारस्तानी है। इस गिरोह पर कानपुर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा है।
वाइपास के रास्ते लौट गए थे शातिर
वहीं से पुलिस को शब्बीर अंसारी और इबरार हुसैन के औरंगाबाद का पता मिला। गिरफ्त में आने के बाद इन्होंने बताया कि पहले आलमगंज, फिर सुल्तानगंज और कदमकुआं तथा आखिरी में जक्कनपुर में एटीएम काटने के बाद वे बाईपास के रास्ते औरंगाबाद लौट गए। उन्होंने तुरंत रुपयों का बंटवारा कर लिया, जिससे शब्बीर ने 16 लाख रुपये में स्कॉर्पियो खरीदी। वारदात में प्रयुक्त इनोवा कार फरार मेवात गैंग के हसन की है। इसके अलावा उनके पास से 70 हजार नकद भी जब्त किए गए।
ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम
घटना में स्थानीय गिरोह के साथ मेवात गैंग के दो-तीन शातिर चोर रहते हैं। वे गूगल मैप से हाईवे किनारे स्थित ऐसे एटीएम की पहचान करते हैं जहा गार्ड नहीं होते। गिरोह के कुछ सदस्य पहले जाकर एटीएम रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ देते हैं। कुछ देर बाद गिरोह के दूसरे सदस्य गैस कटर लेकर जाते हैं पर गाड़ी को एटीएम से 100-200 मीटर दूर खड़ी करते हैं। गैस कटर चलाने वाले शातिर 10-15 मिनट में एटीएम काट लेते हैं। वे सिर्फ ऐसे एटीएम काटते हैं, जिनके साइड में कंक्रीट नहीं भरी होती। इसके बाद एटीएम कैसेट निकालकर नकदी उठा लेते हैं। गिरोह ने भागलपुर में भी वारदात करनी चाही पर सफल नहीं हो सके।
क्या है मेवात गैंग की विशेषता
मेवात गैंग को कुरैशी गैंग के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव में करीब एक हजार घर हैं। हर परिवार चोरी की घटना में संलिप्त है। यहां के ग्रामीण कद-काठी से लंबे-चौड़े होते हैं। पहले वे मवेशी चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। अब एटीएम और तिजोरी को काटकर नकदी चुराने लगे। इसका कारण यह है कि यहां के लोगों को उनके मजबूत शरीर की वजह से सिक्योरिटी एजेंसियों में आसानी से नौकरी मिल जाती है। एटीएम गार्ड की नौकरी करने के दौरान वे मशीन के पार्ट-पुर्जे खोलने के सभी गुर सीख जाते हैं। इसके बाद नौकरी छोड़ देते हैं।
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