बिहार बजटः महिलाओं को मिला हक, बेटियां पढ़कर होंगी आत्मनिर्भर
बिहाट के 2019-20 बजट में सबके लिए कुछ न कुछ है। कुछ लोग इसे कमतर बता रहे हैं तो कुछ बेहतर।
पटना, जेएनएन। बिहार के बजट ने हर वर्ग को कुछ न कुछ दिया। 2019-20 के बजट में शहरी नागरिकों की सुख-सुविधा से लेकर गांव में गुजर-बसर करने वालों का पूरा ख्याल रखा गया। एेसा भी नहीं है कि बजट पर सभी ने हामी भरी है कहीं खुशी है तो कुछ ने इसे कमतर भी आंका है।
उपेक्षित रह गए किसान
पटना के संजीव कुमार कहते हैैं, राज्य सरकार के बजट से किसानों को काफी आशा थी लेकिन आखिरकार निराशा ही हाथ लगी। किसानों को उम्मीद थी कि बजट में कृषि का आकार बढ़ाया जाएगा। उनके उत्पादों का बाजार मिलेगा, परंतु निराशा ही हाथ लगी। न बाजार की व्यवस्था है न ही भंडारण की।
पीड़ित महिलाओं को उचित मुआवजा
पटना के शास्त्री नगर की रहने वाली नंदिता ओझा कहती हैं, इस बार सरकार ने बजट में तेजाब पीड़िताओं के पक्ष में जो फैसले लिए हैं वो बहुत ही अच्छे और खास हैं। अब तेजाब फेंके जाने की घटना से पीड़ित हर महिला को उसका हक और उचित मुआवजा मिलेगा। अब पीड़िताओं को किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना होगा। सरकार ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर नारी स्वास्थ्य की चिंता की है।
मत्स्य उत्पाद को मिलेगा बढ़ावा
ऋषिकेश कश्यप कहते हैं, सरकार के बजटीय प्रावधान से प्रदेश में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। अब तक आंध्र प्रदेश पर मछली के लिए निर्भर बिहार को अपना उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है। लेकिन मत्स्य विभाग को बजट में किए गए प्रावधानों को धरातल पर उतारना होगा, नहीं तो पूर्व की भांति किसान हाथ मलते रह जाएंगे।
अब खूब पढ़ सकेंगी बेटियां
आरपीएस मोड़ की रहने वाली कविता मिश्र कहती हैं, मुख्यमंत्री बालिका योजना के तहत अब लड़कियों के लिए राशि बढ़ा दी गई है। पहले जहां एक हजार रुपये दिए जाते थे, वहीं अब 15 सौ रुपये दिए जाएंगे। इससे महिला शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा और बिहार की शिक्षा व्यवस्था में कुछ सुधार होगा। बेटियों के लिए इस बार बजट में खासा ध्यान दिया गया है। पहले से उम्मीद थी कि बजट में बालिकाओं के लिए कुछ अच्छा होगा।
भंडारण एवं बाजार की व्यवस्था हो
सरकार ने बजट में कृषि उत्पादों के भंडारण एवं बाजार पर ध्यान नहीं दिया है। किसानों के उत्पाद कहां रखे जाएं इसके लिए सरकार को बताना होगा। अशोक कुमार कहते हैं, बिहार में न तो भंडारण की व्यवस्था है न ही बाजार की। ऐसे में किसान उत्पादन बढ़ाकर क्या करें? अन्न बर्बाद करने से उनका ही नुकसान होगा।
छात्राएं होंगी आत्मनिर्भर
शास्त्रीनगर की ऐश्वर्या कहती हैं, मुख्यमंत्री स्नातक योजना को ध्यान में रखते हुए अब छात्राओं को स्नातक तक की पढ़ाई पास करने के बाद 25 हजार रुपये देने की बात कही गई है। यह छात्रओं को आत्मनिर्भर बनने में बहुत सहयोग करेगा, साथ ही अगर वो अपना कोई काम करना चाहे तो उसमें भी सहयोग मिलेगा। इस कदम से छात्रओं को उच्च शिक्षा हासिल करने में काफी मदद मिलेगी।- ऐश्वर्या, शास्त्रीनगर