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खगौल में प्रेक्षागृह बनाने के लिए फिर उठी आवाज

रंगकर्मियों की संस्था 'सूत्रधार' द्वारा आयोजित यशस्वी रंगकर्मी शहीद सफदर हाशमी को समर्पित नाटयोत्सव शुरू।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 01:42 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 01:42 AM (IST)
खगौल में प्रेक्षागृह बनाने के लिए फिर उठी आवाज
खगौल में प्रेक्षागृह बनाने के लिए फिर उठी आवाज

खगौल। रंगकर्मियों की संस्था 'सूत्रधार' द्वारा आयोजित यशस्वी रंगकर्मी शहीद सफदर हाशमी को समर्पित त्रिदिवसीय खगौल नुक्कड़ नाट्य महोत्सव का रंगारंग आगाज हुआ। खगौल स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में आयोजन का शुभारंभ विधायक श्याम रजक, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने किया। श्याम रजक ने सूत्रधार के 40 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं देते हुए रंगकर्म के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा नुक्कड़ नाटक आमजन से संवाद स्थापित करने का बड़ा सशक्त माध्यम है। अनिल सुलभ ने कहा कि नाटक समाज का दर्पण है। संयोजक रंगकर्मी उदय कुमार ने उपस्थित अतिथियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए खगौल में प्रेक्षागृह निर्माण संबंधी आवश्यकता जताई। कहा कि प्रेक्षागृह निर्माण का मामला बिहार सरकार के पास लंबित ह। वरिष्ठ रंगकर्मी तनवीर अख्तर ने कहा कि संस्कृति प्रवाहमय है। यही इसकी विशेषता है। समारोह को दीनानाथ यादव, हसन इमाम, राणा सिंह, डॉ. विमलेश, अनिल कुमार, सत्यकाम सहाय आदि ने भी संबोधित किया।

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'सवा सेर गेहूं' की नाट्य प्रस्तुति

नाट्य महोत्सव की पहली प्रस्तुति इप्टा, पटना द्वारा मंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध रचना 'सवा सेर गेहूं' की हुई। अवधेश द्वारा नाट्य रूपांतरण एवं तनवीर अख्तर के निर्देशन में इप्टा के कलाकारों ने किसानों का दर्द, कर्ज चुकाने में दम तोड़ती पीढि़यां महाजनों के चुंगल में फंसकर तबाह होते किसानों की जिंदगी को बड़े ही मर्मस्पर्शी ढंग से दिखाया। प्रस्तुति में कलाकारों के रूप में सूरज पाडे, रोशन कुमार, शशिकांत कुमार, संजय कुंवर ठाकुर, रवि रोशन, अंकित अशोक, अभिमन्यु कुमार शामिल थे।

शासन व्यवस्था पर किया करारा प्रहार

दूसरी प्रस्तुति प्रेरणा, पटना की ओर से 'पोल खुला पोर-पोर' की हुई। लेखक निर्देशक हसन इमाम थे। प्रस्तुति वर्तमान शासन व्यवस्था पर करारा प्रहार करती है। धार्मिक उन्माद फैलाना, भय, भ्रष्टाचार का माहौल पैदा करने की साजिश, ऐसे नापाक इरादों पर पानी फेरने, तोड़ने वाली शक्तियों के खिलाफ आमजन की जागरुकता को बड़े ही बेबाक ढंग से दर्शाया गया। कलाकारों में अमरेन्द्र, गंगाधर, पवन कुमार, राहुल कुमार ओझा, मृत्युंजय कुमार, विजय कुमार शमीम थे। कार्यक्त्रम में एसएन यादव, प्रसिद्ध यादव, शशि वर्मा, मो. सदीक, गौरव, राज किशोर गुप्ता, इस्लाम, मो. शकील, राकेश प्रेम, रोहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।


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