Move to Jagran APP

शादी के लिए आए फूल से सजी स्निग्धा की अर्थी, बधाई देने आए लोगों ने दी सांत्वना

रिटायर्ड आइजी की डाक्टर बेटी स्निग्धा की आत्महत्या की खबर से पूरा मोहल्ला सकते में आ गया। जैसे ही शव घर पहुंचा सभी पिता उमाशंकर सुधांशु को सांत्वना देने पहुंचने लगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 09:01 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 09:01 PM (IST)
शादी के लिए आए फूल से सजी स्निग्धा की अर्थी, बधाई देने आए लोगों ने दी सांत्वना
शादी के लिए आए फूल से सजी स्निग्धा की अर्थी, बधाई देने आए लोगों ने दी सांत्वना

पटना, जेएनएन। इसे इत्तेफाक कहें या कुदरत का खेल जिस फूल से स्निग्धा की शादी का मंडप सजना था उस फूल से स्निग्धा की अर्थी सजी। शनिवार को उसकी तिलक  की रस्म अदायगी हुई थी। सोमवार को शादी होनी तय थी। इसके लिए मंडप और घर को सजाने को काफी मात्रा में फूल मंगाए गए थे।

loksabha election banner

स्निग्धा की मौत के बाद जब उसका शव शास्त्रीनगर थाने के पटेल नगर स्नेही पथ लाया गया तो माहौल बदल चुका था। जश्न में इस्तेमाल होने वाले फूल अर्थी पर दिख रहे थे। जैसे ही फूलों से सजी स्निग्धा की अर्थी घर से निकली मुहल्ले वालों के आंखों से आंसू बहने लगे। सभी घटना से स्तब्ध थे।

फफक कर बोले पिता, परवरिश में रह गई कमी

स्निग्धा की मौत की खबर सुनते परिजन सकते में आ गए। गीत और शगुन में हंसते-खिलखिलाते चेहर उदासी में बदल गए थे। रोने की आवाजें जोर-जोर से गूंजने लगीं। जो लोग बधाई देने आए थे वे सांत्वना देने लगे। पिता के मुंह से फफक-फफक कर एक बात बार-बार निकल रही थी, मेरी परवरिश में ही कहीं कमी रह गई। सूचना के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार, जिलाधिकारी पटना कुमार रवि सहित कई वरीय अधिकारी और सेवानिवृत्त अधिकारियों का उमाशंकर सुधांशु के घर आना-जाना लगा रहा। सभी स्निग्धा के पिता को ढांढ़स बंधा रहे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.