वकील हत्याकांड: चार दिन पहले जितेंद्र को चला था पता, दूसरे के नाम हो गई जमीन
वकील की हत्या के बाद परिजनों ने कई खुलासे किए हैं। चार दिन पहले जितेंद्र को जानकारी मिली थी कि साले पुंसुजित ने 18 अगस्त को उनकी एक एकड़ जमीन ताजुद्दीन के नाम पर पावर ऑफ अटर्नी कर दी है।
पटना, जेएनएन। पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार की हत्या के बाद परिजनों ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। बताया कि खगौल के मोतीचक स्थित एक एकड़ जमीन जितेंद्र के नाम पर थी, जिससे उनके साले पुंसुजित कुमार उर्फ मिथुन ने धोखाधड़ी कर गर्दनीबाग के दमरिया निवासी ताजुद्दीन को बेच दी। इस भूखंड की कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये बताई जा रही है। जितेंद्र की पत्नी नीतू सिंह भी लंबे समय से भाई के साथ ही रह रही है। यही कारण है कि बड़े भाई व होम्योपैथी डॉक्टर डॉ. राजकुमार पंडित ने हत्या में जितेंद्र के साले के साथ उनकी पत्नी नीतू सिंह की संलिप्तता भी जताई है। जितेंद्र की मौत के बाद सबसे अधिक फायदा नीतू को होने वाला है।
डॉ. राजकुमार के अनुसार, करीब चार दिन पहले जितेंद्र को जानकारी मिली कि साले पुंसुजित ने 18 अगस्त को उनकी एक एकड़ जमीन ताजुद्दीन के नाम पर पावर ऑफ अटर्नी कर दी है। कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस में जितेंद्र के नाम पर दूसरा व्यक्ति खड़ा हुआ था। पश्चिम बंगाल में जितेंद्र का फर्जी अस्थायी पता बताकर पावर ऑफ अटर्नी की गई। दस्तावेज में गवाह के कॉलम में पुंसुजित ने मिथुन के नाम से हस्ताक्षर किया था। इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने के बाद अधिवक्ता पुंसुजित, ताजुद्दीन सहित जालसाजी में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा करने की तैयारी में जुट गए थे। वह समाचारपत्र में नोटिस भी प्रकाशित कराने वाले थे। ऐसा माना जा रहा है कि करोड़ों रुपये लेकर पुंसुजित ने जमीन की पावर ऑफ अटर्नी की होगी। अगर उसपर मुकदमा हो जाता तो ताजुद्दीन के हाथ से जमीन निकल जाती। पुंसुजित की मिली पेशगी की रकम लौटानी पड़ती।
पत्नी ने किया था दहेज प्रताडऩा का मुकदमा
डॉ. राजकुमार के मुताबिक, जितेंद्र की पत्नी नीतू सिंह ने 2007 में पति से संबंध तोड़ लिया। वह मुजफ्फरपुर के बनारस बैंक चौक में यदुपति गली स्थित पिता कृष्ण सिंह और मां लक्ष्मी देवी के साथ रहने लगीं। वहां नीतू के भाई पुंसुजित भी रहते हैं, जो पेशे से वकील हैं। जितेंद्र और नीतू की बेटी रूचि प्रिया (16) भी मां के साथ ननिहाल में रहती है। मायके जाने के बाद नीतू ने पति पर दहेज प्रताडऩा का मुकदमा किया था। हालांकि जितेंद्र संबंध विच्छेद नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने पटना परिवार न्यायालय में ङ्क्षहदु विवाह अधिनियम के तहत वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए याचिका दी थी। कई बार कोर्ट ने काउंसलिंग कराने की पहल की, लेकिन नीतू साथ रहने के लिए तैयार नहीं हुई।
तीन भाइयों में मंझले थे जितेंद्र
जितेंद्र, तीन भाइयों में मंझले थे। वह बड़े भाई राजकुमार पंडित के परिवार संग राजीव नगर के मजिस्ट्रेट कॉलोनी की गुरु सहाय लेन स्थित घर में रहते थे। वहीं, छोटा भाई संतोष काफी सालों पहले खगौल स्थित अपनी पैतृक संपत्ति को इलाके के दबंग रूपेश, रीतेश, राकेश और सुप्रिया यादव के हाथों बेचकर मां पानपती देवी के साथ कहीं चला गया। उसके वर्तमान पते के बारे में परिवार के किसी सदस्य को कोई जानकारी नहीं है। उनके पिता स्व. डॉ. रामप्रसाद पंडित जाने-माने होम्योपैथी चिकित्सक थे। 1990 में उनका निधन हो गया।
संतोष ने निभाई थी विभीषण की भूमिका
परिजनों ने बताया कि संतोष परिवार के किसी सदस्य से कोई नाता नहीं रखता, इसलिए उसके पते-ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने खगौल स्थित तीन कट्ठे के पैतृक घर में से दो कट्ठा स्थानीय दबंग रूपेश, उसकी पत्नी सुप्रिया और उसके भाई रीतेश व राकेश को बेच दी। इसके बाद मां को लेकर गायब हो गया। उसने भाइयों की भी संपत्ति के बारे में दबंगों को जानकारी दे दी थी। पुलिस को संतोष की भी तलाश है। करीब डेढ़ माह पहले जितेंद्र पैतृक जमीन की वस्तुस्थिति देखने के लिए खगौल गए थे, तब दबंगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी।
सीनियर के साथ जाते थे कोर्ट
डॉ. राजकुमार की मानें तो बुधवार की सुबह 9:35 बजे जितेंद्र उनके खाजपुरा स्थित क्लिनिक से हाईकोर्ट जाने के लिए निकले थे। रोज की तरह वह अपने सीनियर हरिशंकर राय को न्यू पुनाईचक से स्कूटर पर बैठाकर साथ कोर्ट लेकर जाते थे। हालांकि वह उनके घर पहुंच नहीं सके। लगभग आधे घंटे बाद डॉक्टर को फोन पर भाई की हत्या की सूचना मिली। तब वह आइजीआइएमएस आए और परिवार के लोगों को खबर दी।
पत्नी, साले समेत नौ पर प्राथमिकी
डॉ. राजकुमार पंडित के बयान पर जितेंद्र की पत्नी नीतू सिंह और साले पुंसुजित सहित नौ लोगों पर हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने नीतू, पुंसुजित, लक्ष्मी देवी, कृष्णा सिंह, राकेश कुमार उर्फ बबलू, रीतेश कुमार उर्फ बिट्टू, रूपेश कुमार, सुप्रिया देवी और मो. ताजुद्दीन पर साजिश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया है। बताते चलें कि शास्त्रीनगर थाना स्थित राजवंशी नगर में अपराधियों ने पटना हाईकोर्ट के वकील जितेन्द्र सिंह की गोलीमार कर हत्या कर दी। वे दिन में हाईकोर्ट के लिए बाइक से निकले थे। गोली लगने के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें स्थानीय अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हत्या की खबर मिलते ही वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा।