पटना में गैंगवार से दहशत, वर्चस्व की लड़ाई में गिर रहीं बदमाशों की लाशें
पटना में हत्या जैसे सनसनीखेज मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लगातार हो रही इस तरह की हत्या के पीेछे की वजह गैंगवार में हो रही वर्चस्व की लड़ाई है। जानिए पूरी खबर....
पटना, जेएनएन। जरायम की दुनिया में जिन्होंने लूटपाट और लाशों की सीढ़ी चढ़कर दबदबा बनाने की कोशिश की वे अपनों की ही गोलियों के शिकार हो गए। वर्चस्व, गैंगवार और रकम बंटवारे में कुछ की जान चली गई तो कुछ साक्ष्य के अभाव में खुलेआम घूमने में विरोधियों के शिकार हो गए। पिछले छह महीने में एक दो नहीं बल्कि 21 से अधिक बदमाशों का अंत ऐसे ही हुआ।
राजधानी में हत्या जैसे सनसनीखेज मामलों का ग्राफ बढ़ गया है। लेकिन, इसमें अधिकांश हत्या के पीछे वजह कुछ और ही रहा। जेल से छूटने के बाद भी वे आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे, लेकिन साक्ष्य और गवाह के अभाव में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। लिहाजा, उनका मनोबल बढ़ता चला गया।
प्रतिद्वंद्वियों पर भी हावी हो गए। पुलिस और प्रतिद्वंद्वियों का खौफ समाप्त होने के कारण वे खुलेआम घूमने लगे और विरोधियों की गोली का शिकार बन गए। घटना के बाद पुलिस ने भी अनुसंधान में दिलचस्पी नहीं दिखाई, क्योंकि मरने वाला अपराधी था।
अनुसंधान में मिला आपराधिक रिकॉर्ड
पुलिस के आंकड़ों पर गौर करे तो छह माह में कोतवाली थाना क्षेत्र में तबरेज आलम की गोली मारकर हत्या हुई। इसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे। खांजेकला थाना क्षेत्र में मो. तनवीर, रिक्की, विक्की सांव, रवि मौर्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
आलमगंज थाना क्षेत्र में ब्लैक डॉग, मो. सुहैल उर्फ मुर्गिया, लुलवा, रवि उर्फ डैमेज की हत्या के पीछे उसके करीबी और दूसरे गैंग के बदमाशों का नाम सामने आया। मालसलामी थाना क्षेत्र में कल्लू चौधरी, मुकेश यादव मारे जा चुके है।
मेंहदीगंज थाना क्षेत्र में मंगल डोम और बाईपास थाना क्षेत्र में उमेश मेहता की हत्या कर दी गई। बहादुरपुर में सूरज यादव उर्फ छोटन और बलमा मांझी की हत्या हो गई। दानापुर में मखना, खगौल में मनोज, गर्दनीबाग में दीना गोप और नौबतपुर में विपुल नाम के बदमाश को जेल से बाहर आने के एक माह के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई।
रवि हत्याकांड का मुख्य आरोपी था तनवीर
खाजेकलां थाना क्षेत्र के नून का चौराहा स्थित शेखा का रोजा मोहल्ले में 13 अगस्त 2018 की दोपहर लाल मंदिर के समीप अपराधियों ने बुलेट से घर की ओर जा रहे तीस वर्षीय तनवीर आलम पर गोलियों की बौछार कर दी।
एसएसपी ने बताया था कि मृतक तनवीर की पहचान राजधानी के टॉप टेन अपराधी के रूप में थी। उसके खिलाफ राजधानी के विभिन्न थानों में एक दर्जन मामले दर्ज थे। मृतक तनवीर कुख्यात रवि मॉड का चेला था। वर्ष 2017 के 29 जून की दोपहर कुख्यात रवि मॉड को मौला शाह के बाग में लाल मंदिर के पास गोलियों से भूनने के बाद तनवीर ने नाला पर रखे स्लैब को उठाकर रवि का सिर कुचल दिया था।
रवि मॉड हत्याकांड का मुख्य आरोपी तनवीर हाल ही में जेल से छूटकर आया था। खाजेकलां थाना क्षेत्र के पादरी की हवेली गली में चार सितंबर की रात सुजीत उर्फ रॉकी की हत्या आपसी रंजिश में हुई है। एसएसपी ने बताया कि मृतक रॉकी के खिलाफ वर्ष 2015 में चौक थाना में लूटपाट व डकैती के तीन मामले दर्ज हैं।
ब्लैक डॉग पर दर्ज थे दो दर्जन मामले
खाजेकलां थाना अंतर्गत लोदीकटरा मोहल्ले के जल्ला रोड स्थित उम्र दराज लेन में 13 अक्टूबर की शाम अपराधियों ने पीरबहोर थाना क्षेत्र के टिकिया टोली निवासी अपराधी दीपू साव को गोलियों से भून दिया। उसके खिलाफ चार आपराधिक मामले हत्या, दुष्कर्म तथा आर्म्स एक्ट के दर्ज थे। कारण आपसी रंजिश बताया जा रहा था।
बहादुरपुर थाना क्षेत्र के रामपुर नहर के सटे रामपुर गांव में 14 अक्टूबर की शाम पालीगंज स्थित खीरी मोड़ के खानपुरा निवासी सूरज उर्फ छोटन यादव की हत्या कर दी गई। मृतक के खिलाफ अगमकुआं तथा रामकृष्णा नगर में चार मामले दर्ज थे।
आलमगंज के गायघाट खड़ाकुआं स्थित संतोषी मां की गली में 21 अक्टूबर की रात तीन अपराधियों ने कुख्यात चिंटू गुप्ता उर्फ ब्लैक डॉग को गोलियों से भून डाला। इसके खिलाफ दो दर्जन मामले दर्ज थे। नौबतपुर के विपुल सिंह की हत्या दशहरा के दो दिन पूर्व गोली मारकर कर दी गई। विपुल के खिलाफ तीन हत्या का केस दर्ज था। घटना के एक माह पूर्व ही वह जेल से जमानत पर बाहर आया था।
एसएसपी मनु महाराज ने कहा-
अधिकांश मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अनुसंधान में यह बात सामने आई थी कि करीब दो दर्जन हत्याएं गैंगवार, वर्चस्व और बंटवारे में हुई थी। कई के खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामले थानों में दर्ज थे। सभी थानेदारों को अपने अपने क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। जेल से बाहर आने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
- मनु महाराज, एसएसपी