बिहार में शराब के बाद अब सिगरेट की बारी, सरकार उठाएगी ये बड़ा कदम
बिहार में शराबबंदी लागू है। इसके बाद अब यहां सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने वालों की भी खैर नहीं होगी। इसके लिए केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार क्या करने जा रही है, जानिए।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 07:47 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 07:48 PM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार में शराबबंदी के बाद अब सिगरेट पर भी सख्ती बढ़ाई जाएगी। पुलिस के हेड कांस्टेबल और नगर निगम के अधिकारियों को खुलेआम सिगरेट पीने वालों पर जुर्माना करने की शक्ति दी जाएगी। हेड कांस्टेबल और नगर निगमों के अधिकारी प्रवर्तन अधिकारी के रूप में सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट पीने वालों लगाम लगाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक निर्देश के बाद राज्य सरकार इस दिशा में पहल करने जा रही है।
केंद्र सरकार ने भेजा ये पत्र
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बिहार समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र भेजा है। पत्र में हेड कांस्टेबल और नगर निगम के अधिकारियों को प्रवर्तन अधिकारी के रूप में अधिसूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने राज्यों को भेजे पत्र में कहा है कि कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) की धारा 25 के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार को प्रवर्तन अधिकारी घोषित करने की शक्ति मिली है। कोटपा 2003 की धारा 4 और 6 के उल्लंघन पर कार्रवाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार पुलिस उप निरीक्षक को अधिकृत कर सकती है।
सिगरेट के खुलेआम प्रयोग पर लगेगी रोक
केंद्र सरकार ने पत्र में कहा है कि शक्तियों का बंटवारा किए जाने से सिगरेट के खुलेआम प्रयोग पर रोक लगाई जा सकेगी। राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वह कोटपा में किए गए प्रावधानों के मुताबिक नगर निगम अफसरों और हेड कांस्टेबल को प्रवर्तन पदाधिकारी के रूप में अधिसूचित करे ताकि सिगरेट के प्रयोग पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।
केंद्र सरकार ने भेजा ये पत्र
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बिहार समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र भेजा है। पत्र में हेड कांस्टेबल और नगर निगम के अधिकारियों को प्रवर्तन अधिकारी के रूप में अधिसूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने राज्यों को भेजे पत्र में कहा है कि कोटपा (सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) की धारा 25 के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार को प्रवर्तन अधिकारी घोषित करने की शक्ति मिली है। कोटपा 2003 की धारा 4 और 6 के उल्लंघन पर कार्रवाई के लिए केंद्र और राज्य सरकार पुलिस उप निरीक्षक को अधिकृत कर सकती है।
सिगरेट के खुलेआम प्रयोग पर लगेगी रोक
केंद्र सरकार ने पत्र में कहा है कि शक्तियों का बंटवारा किए जाने से सिगरेट के खुलेआम प्रयोग पर रोक लगाई जा सकेगी। राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वह कोटपा में किए गए प्रावधानों के मुताबिक नगर निगम अफसरों और हेड कांस्टेबल को प्रवर्तन पदाधिकारी के रूप में अधिसूचित करे ताकि सिगरेट के प्रयोग पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।
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