Move to Jagran APP

बिहार सरकार का बड़ा एेलान- शराब का धंधा छोड़ें, रोजगार के लिए पाएं एक लाख

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा एेलान करते हुए कहा है कि शराब का व्यवसाय छोड़ने वाले लोगों को रोजगार के लिए राज्य सरकार एक लाख तक की आर्थिक मदद करेगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 04:26 PM (IST)
बिहार सरकार का बड़ा एेलान- शराब का धंधा छोड़ें, रोजगार के लिए पाएं एक लाख
बिहार सरकार का बड़ा एेलान- शराब का धंधा छोड़ें, रोजगार के लिए पाएं एक लाख

पटना, जेएनएन। बिहार सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए चोरी-छिपे शराब का व्यवसाय करने वाले लोगों को वैकिल्पक रोजगार देने का फैसला लिया है और इसके लिए रोजगार के लिए 60 हज़ार से एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की बात कही है।

loksabha election banner

 पटना में सोमवार को आयोजित नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि शराब के धंधे में लगे लोगों को सशक्त जीवीकोपार्जन योजना के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके तहत रोजगार के लिए एक लाख रुपये तक की मदद मिलेगी।

शराबबन्दी कानून पर नीतीश कुमार ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि अभी भी शराब माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके साथ ही सीएम ने इस बात पर भी चिंता जताई कि शराब से युवाओं में होने वाली मौत का आंकड़ा बुजुर्गो की मौत से अधिक है। उन्होंने कहा कि शराब से होनेवाले दुष्प्रभाव का जोर-शोर से प्रचार करने की जरूरत है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शराबबन्दी कानून ने ना जाने बिहार के कितने परिवारों को बर्बाद किया है। शराबबन्दी कानून के वक़्त भाजपा विपक्ष में थी लेकिन फिर भी भाजपा ने इस फैसले का समर्थन किया था।

उन्होंने शराबबंदी को एेतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि  नीतीश कुमार का शराबबन्दी कानून ऐतिहासिक फैसला है और बिहार की शराबबन्दी पूरे देश के लिए नजीर बनी है। दूसरे राज्य भी इसे लागू करना चाहते हैं। शराबबन्दी कानून लागू नहीं होता तो शराब सेवन बिहार की संस्कृति का हिस्सा होता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.