एआइएसएफ का प्रतिशोध मार्च, पुलिस से नोंक-झोंक
पटना एम्स के डॉक्टर और जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बीच हुआ विवाद तूल पकड़ रहा है।
फुलवारीशरीफ। पटना एम्स के डॉक्टर और जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बीच रविवार को हुआ विवाद अब तूल पकड़ते जा रहा है। मंगलवार को पटना एम्स में इलाज करा रहे सुशील कुमार ने वाट्सअप के माध्यम से पटना एम्स के डॉक्टर रवि सिंह समेत दो दर्जन डॉक्टरो व नर्स पर धमकी देने के साथ ही इलाज में कोताही बरतने की शिकायत प्रशासन के वरीय पदाधिकारी व स्थानीय थानेदार से की है। दूसरी तरफ एआइएसएफ के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने पटना एम्स के नजदीक प्रतिशोध मार्च निकाला। कार्यकर्ता साजिश के तहत कन्हैया कुमार को फंसाने के लिए केन्द्रीय मंत्री अश्वनी चौबे व मंगल पाडेय को दोषी ठहराते हुए दोनों का पुतला दहन करने पहुंचे थे। पटना एम्स के गेट पर कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना पाकर पहले से तैनात प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. जफरूद्दीन व थानेदार कैसर आलम भारी सुरक्षा बल के साथ कार्यकर्ताओं को पुतला दहन करने के पहले ही गिरफ्तार कर थाना ले आए। इस बीच प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच नोंक-झोंक भी हुई। हालाकि शाम होते ही निजी मुचलके पर सभी कार्यकर्ताओं को दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी के बाद रिहा कर दिया गया। थानेदार कैसर आलम ने बताया दशहरा के मौके पर पूरे शहर में निषेधाज्ञा लागू है। इस दौरान बिना अनुमति के प्रदर्शन के दौरान एआइएसएफ के 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था।
पटना एम्स पहुंचकर डीएसपी ने की छानबीन : डॉक्टर से बदसलूकी की एफआइआर के बाद मंगलवार को फुलवारीशरीफ डीएसपी रमाकात प्रसाद पटना एम्स पहुंचे। उन्होंने घटना के समय तैनात चिकित्सक व सुरक्षागार्ड से पूछताछ के बाद एआइएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार से भी पूछताछ की। सोमवार को दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी :
सोमवार को पटना एम्स प्रशासन द्वारा कन्हैया कुमार व पटना एम्स में इलाजरत एआइएसएफ के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार समेत 100 लोगों पर कार्य में बाधा डालने, मारपीट, गाली-गलौज व धमकी देने के साथ ही डॉक्टर से बदसलूकी का मामला दर्ज कराया गया था।