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नवग्रह की लकड़ी के साथ चूड़ा व पेंसिल की मूर्तियां

नवरात्रि पर तैयारियों से हर कोई त्योहार को खास बनाने में लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 07:53 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 07:53 PM (IST)
नवग्रह की लकड़ी के साथ चूड़ा व पेंसिल की मूर्तियां
नवग्रह की लकड़ी के साथ चूड़ा व पेंसिल की मूर्तियां

नवरात्रि पर तैयारियों से हर कोई त्योहार को खास बनाने में लगा है। घरों में कलश तो बैठ ही दिए गए हैं पूजा समितियों द्वारा भी आकर्षक मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा में पर्यावरण संरक्षण के साथ ही सर्व शिक्षा अभियान की झलक दिखेगी। मूर्तियों की विशेषता पर पढ़ें ये रिपोर्ट।

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सर्व शिक्षा अभियान को तरजीह देती रबर और पेंसिल की मूर्ति

न्यू आर्या एथेलेटिक क्लब अमरूदी गली में मां दुर्गा की पेंसिल की बनी मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। मूर्तिकार जितेंद्र कुमार बताते हैं, इस मूर्ति को बनाने में दो से तीन महीने का समय लगा है। मूर्ति को बनाने में कठ पेंसिल, रबर, स्लेट पेंसिल आदि सामग्री का उपयोग किया गया है। इसमें पांच हजार पेंसिल, एक हजार रबर, एक हजार स्लेट पेंसिंल आदि का उपयोग किया गया है। पूजा समिति के संजय यादव और गोपाल कहते हैं कि ये मूर्ति निर्माण का उद्देश्य सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देना है।

प्रकृति की महत्ता बताती गेहूं से बनी प्रतिमा

आजाद ¨हदी क्लब मुसल्लहपुर चाइटोला पूजा समिति की ओर से गेंहू से प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। मूर्ति बनाने में सात किलो गेंहू का उपयोग किया गया है। मूर्तिकार जितेंद्र बताते हैं कि इन मूर्तियों को बनाने में करीब दो महीने का समय लगता है। पूजा समिति के पंकज और बब्लू बताते हैं कि मूर्ति के निर्माण का उद्देश्य प्रकृति की महत्ता को बताना है। एकता क्लब बाइपास ब्रह्मापुर देवी स्थान पूजा समिति की ओर से दशहरा के मौके पर मां दुर्गा की प्रतिमा चूड़े से बनाई जा रही है। शंकर व धर्मेद्र ने बताया कि मां की मूर्ति को तैयार करने में पांच किलो चूड़ा की खपत आई है।

फैंसी स्टोन व खड़े मसाले से बनी मां दुर्गा

यूथ इंडिया क्लब भंवर पोखर पूजा समिति की ओर से इस बार मां दुर्गा की प्रतिमा फैंसी स्टोन से बनाई जा रही है। मूर्तिकार जितेंद्र कुमार बताते हैं कि मूर्ति के निर्माण में 15 हजार पीस फैंसी स्टोन के हैं। इसके निर्माण में दो महीने का वक्त लगा है। एमबीसी क्लब अमरूदी मोहल्ला की ओर से दशहरा के मौके पर खड़े मसाले से मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है। धीरज बताते हैं कि 15 किलो मसाले के साथ प्रतिमा में लांग, छोटी इलायची, तेजपत्ता, अजवाइन, मंगरैला, सौंफ, सरसो, गोल मिर्च आदि सामग्री का मिश्रण किया गया है। मूर्ति की ऊंचाई लगभग छह फीट है।

धूप, तिल, जौ और अरवा से बनी मां की प्रतिमा

न्यू एकता क्लब बाइपास नयाचक पूजा समिति इस बार हवन सामग्री से मां दुर्गा की मूर्ति का निर्माण कर रही है। प्रतिमा में नवग्रह की लकड़ी, धूप, तिल, जौ, अरवा-चावल आदि सामग्री का मिश्रण किया गया है। मूर्ति निर्माण में लगभग 15 किलो की सामग्री लगी है। मूर्तिकार जितेंद्र बताते हैं कि ये मूर्तियां पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रही हैं।


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