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राजद सुप्रीमो पर सुशील मोदी का नया अटैक, लिख डाली 300 पन्नों की 'लालू लीला'

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी की राजनीतिक अदावत जग-जाहिर है। इसी क्रम में मोदी ने लालू पर एक पुस्‍तक लिख डाली है। क्‍या है इसमें जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 10:33 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 11:51 PM (IST)
राजद सुप्रीमो पर सुशील मोदी का नया अटैक, लिख डाली 300 पन्नों की 'लालू लीला'
राजद सुप्रीमो पर सुशील मोदी का नया अटैक, लिख डाली 300 पन्नों की 'लालू लीला'

पटना [सुभाष पांडेय]। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू यादव के संपत्ति एकत्र करने की भूख पर 'लालू लीला' शीर्षक से तीन सौ पन्नों की एक पुस्तक लिखी है। विद्यापति भवन सभागार में 11 अक्टूबर को इसका विमोचन किया जा रहा है।

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सुशील मोदी का लालू प्रसाद यादव से करीब 40 सालों का रिश्ता रहा है। पटना विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से लेकर जेपी आंदोलन तक और 90 में विधानसभा में पहली बार निर्वाचित होकर आने के बाद से मोदी और लालू यादव राजनीति के प्लेटफॉर्म पर कभी एक साथ नहीं आए। पुस्तक में यह प्रसंग है कि 1996 में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व संभालने के बाद मोदी ने लालू के भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी, उसी का नतीजा है कि लालू आज रांची की जेल में सजा काट रहे हैं।

मोदी की यह दूसरी पुस्तक है। दो साल पहले उनकी पहली किताब 'बीच समर में' आई थी, जिसमें इमरजेंसी के दौरान उनके जेल से जुड़े कई रोचक संस्मरण हैं। जबकि, 'लालू लीला' में मोदी ने चारा घोटाले के उजागर होने के बाद संपत्ति एकत्र करने की उनकी भूख पर मूल रूप से केन्द्रित है।

इस पुस्तक में अप्रैल 2017 में माल, मिट्टी घोटाले से शुरू होकर करीब 100 दिनों के उस अभियान की कहानी है, जिसने जुलाई 2017 में दोबारा नीतीश कुमार की राजग में वापसी के साथ ही बिहार में सत्ता की तस्वीर बदल दी। इस पुस्तक में रेलवे के रांची और पुरी के होटल को लीज पर देने के बदले बेलीरोड की बेशकीमती जमीन हथियाने से लेकर दिल्ली के फ्रेंडस कॉलोनी की करोड़ों की जमीन और पटना में दर्जनों की संख्या में भूखंड और फ्लैट हासिल करने की सचित्र कहानी है।

यहां बता दें, मोदी का लालू से छात्र जीवन का रिश्ता रहा है। लालू यादव जब पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए तो सुशील कुमार मोदी भी उनके साथ महासचिव बने थे। जेपी आंदोलन में भी दोनों ने साथ संघर्ष किया था।


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