मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में एक अधिकारी सहित 4 गिरफ्तार! ब्रजेश के 20 खाते सील
बिहार के बालिका गृह कांड में सीबीआइ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बड़े अधिकारी सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। सीबीआइ कार्रवाई की पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना [जेएनएन]। बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण कांड में सीबीआइ ने बड़ी कार्रवाई की है। उसने कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के 20 बैंक खातों को सील कर दिया है। साथ ही बताया जा रहा है कि सीबीआइ ने समाज कल्याण विभाग के एक सहायक निदेशक व तीन अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
विदित हो कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की सोशल अॉडिट रिपोर्ट में बिहार के आश्रय गृहों में शोषण के खुलासे के बाद जांच में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 40 लड़कियों के यौन शोषण का सनसनीखेज ख्ुालासा हुआ था। इसके बाद एक-एक कर मामले की परतें उतरती चली गईं। पुलिस ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना की जांच सीबीआइ ने श्ुारू की। इस बीच तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा।
समाज कल्याण विभाग में सहायक निदेशक सहित चार को हिरासत में लेकर पूछताछ
मिली जानकारी के अनुसार बालिका गृह कांड की जांच के सिलसिले में सीबीआइ ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर व सोनपुर स्थित चार जगह छापेमारी की। जांच एजेंसी ने समाज कल्याण विभाग में सहायक निदेशक रोजी रानी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। रोजी रानी समाज कल्याण विभाग में अाश्रय गृह की जांच के प्रभार में रहीं हैं। सीबीआइ ने इसके अलावा ब्रजेश ठाकुर के तीन करीबियों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि सीबीआइ उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के 20 बैंक खाते सील
इसके अलावा सीबीआइ ने गुरुवार को एक और बड़ी कार्रवाई की। उसने कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के 20 बैंक खाताें को भी सील कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
इस बीच मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी बडा़ फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को कुछ गाइडलाइन्स के साथ हटा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद इसकी जांच की मॉनिटरिंग करने का भी फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को आदेश दिया कि वो इस मामले में अपनी सुनवाई टाल दे। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की संपत्ति की जांच का भी आदेश दिया।