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100 बेड का होगा सिटी अस्पताल, बढ़ेंगी सुविधाएं

चिकित्सा व्यवस्था व सेवा का निरीक्षण करने रविवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सिटी अस्पताल पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 08:19 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 08:19 PM (IST)
100 बेड का होगा सिटी अस्पताल, बढ़ेंगी सुविधाएं
100 बेड का होगा सिटी अस्पताल, बढ़ेंगी सुविधाएं

पटना सिटी। चिकित्सा व्यवस्था व सेवा का निरीक्षण करने रविवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार गुजरी बाजार स्थित श्री गुरु गो¨वद ¨सह अस्पताल पहुंचे। दिन में लगभग 11:30 बजे से लेकर दो बजे तक अस्पताल की इमरजेंसी, ओटी, वार्ड एवं विभिन्न विभागों में घूम कर व्यवस्था को देखा। इस दौरान पूर्व पार्षद बलराम चौधरी ने कई कमियों से उन्हें अवगत कराया। इलाज के लिए विभिन्न विभागों में चिकित्सक की कमियों तथा जरूरी उपकरणों के अस्पताल में नहीं होने की जानकारी दी। मरीजों को होने वाली परेशानी समेत कई समस्याओं के बारे में बताया। प्रधान सचिव ने कहा कि जल्द ही एसजीजीएस के 100 बेड का जिला अस्पताल बनते ही सभी कमियां दूर की जाएंगी। खाली आवास में जल्द ही चिकित्सक व नर्स को रहने की बात कहीं।

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अस्पताल के अंदर अवैध पार्किंग देख जताई नाराजगी

निरीक्षण के दौरान मॉडल सह जिला अस्पताल के रूप में विकसित होने को अग्रसर श्री गुरु गो¨वद ¨सह अस्पताल में गदंगी, आवारा कुत्ते, खटाल, सूअरों तथा अवैध पार्किंग को देख प्रधान सचिव संजय कुमार ने नाराजगी जताई। उन्होंने प्रभारी अधीक्षिका व अस्पताल प्रबंधक की जमकर फटकार लगाई। प्रधान सचिव ने पूछा कि तीस सुरक्षाकर्मियों के रहते अवैध प्रवेश कैसे हो रहा है? इन सभी सुरक्षाकर्मियोंको अविलंब हटाएं। न्यायालय के आदेश के बावजूद इस अस्पताल की चारदीवारी का काम पूरा होने के बाद गेट से कैसे अवैध लोग प्रवेश कर रहे हैं? इसी बीच अवैध रूप से पार्किंग किए टेंपो चालक को हटाने के दौरान उन्होंने थप्पड़ जड़ दिए। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने अवैध पार्किंग में लगे वाहनों को अविलंब हटाया। प्रधान सचिव ने अस्पताल परिसर में कुत्ते और सूअरों के प्रवेश रोकने, खटाल व अवैध पार्किंग हटाने में समाजसेवी संगठनों द्वारा जनहित में सहयोग करने की अपील की।

एक माह में पूर्णकालिक अधीक्षक की होगी नियुक्ति

प्रधान सचिव ने कहा कि एक माह के अंदर पूर्णकालिक अधीक्षक की नियुक्ति की जाएगी। वर्तमान प्रभारी अधीक्षक को माह के अंत तक समस्त व्यवस्था सुधार लेने की चेतावनी दी। उन्होंने अस्पताल की कुव्यवस्था देख कहा कि क्यों नहीं अस्पताल को बंद कर दिया जाए? नर्स और कर्मचारियों की यहां अत्याधिक संख्या रहने के बावजूद यहां पीएचसी से भी कम काम दिख रहा है। अनुमंडल क्षेत्र में स्थित श्री गुरु गो¨वद ¨सह अस्पताल यानी पटना सिटी अस्पताल यानी गिरजा अस्पताल मॉडल अस्पताल के रूप में तब्दील होगा। इसे जिला अस्पताल का दर्जा मिल जाएगा। यहां एक सौ बेड तथा उससे जुड़ी तमाम चिकित्सकीय सेवाएं एवं सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बिहार सरकार से स्वीकृति मिल जाने के बाद अस्पताल को अगले एक महीने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह दर्जा दिए जाने की तैयारी अंतिम चरण में है। ये बातें रविवार को निरीक्षण करने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल होते ही यहां कई नए विभाग काम करने लगेंगे। मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा एवं बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ सभी तरह की जांच सुविधाएं मिलने लगेंगी।

अस्पताल कैंपस के अंदर सभी जांच की सुविधा

अधीक्षिका डॉ. मणिदीप मजमूदार ने बताया कि मेडिसीन विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, सर्जरी विभाग, शिशु रोग विभाग व हड्डी रोग विभाग कार्यरत है। जिला अस्पताल का दर्जा मिलने के बाद बढ़ती सुविधाओं में आइसीयू, ओटी, नीकू, ब्लड बैंक, कान-नाक-गला विभाग, हृदय रोग विभाग, रेडियोलॉजी विभाग, नेत्र रोग विभाग, न्यूरोलॉजी तथा पोस्टमॉर्टम विभाग होंगे। इसके अलावा सभी तरह की पैथोलॉजी जांच उपलब्ध होगी। साथ ही एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन की सुविधा होगी और मरीजों को सभी दवाइयां उपलब्ध मिलेगें। टीबी तथा एचआइवी पीड़ितों के लिए 50 बेड का अस्पताल

प्रधान सचिव ने बैठक कर इस अस्पताल परिसर को सुरक्षित करने को जरूरी बताया। साथ ही यहां सालों से जमे कर्मचारियों का तबादला कर व्यवस्था को ठीक करने की बात कही। घनी आबादी के बीच स्थित इस अस्पताल को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने के लिए कई बदलाव किए जाने की बात कहीं। प्रधान सचिव ने बताया कि एमएसएस नामक संस्था द्वारा अस्पताल परिसर में कालाजार, टीबी तथा एचआइवी पीड़ित मरीजों के लिए 50 बेड का अस्पताल खोलने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास आया है। जिसे सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी गई है। इस अस्पताल की तीसरी मंजिल हार्ट हॉस्पिटल खोलने की योजना है। यहां बेहद सस्ते दर पर छोटे-बड़े ऑपरेशन व इलाज किए जाएंगे। यहां लो कॉस्ट में कई जटिल ऑपरेशन किए जाने की योजना है। यहां की इमरजेंसी, आइसीयू व ओपीडी व्यवस्था भी विकसित की जाएगी। मरीजों को हर जरूरी सुविधाएं मिलेंगी।


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