मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य को प्रोफेसर से बनाया रीडर
पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शशि शर्मा को प्रोफेसर से रीडर के पद पर डिमोट किया है।
पटना । पटना विश्वविद्यालय प्रशासन ने मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शशि शर्मा को प्रोफेसर से रीडर के पद पर डिमोट कर दिया है। बुधवार की सुबह कॉलेज पहुंचते ही नोटिफिकेशन की कॉपी प्राचार्या को मिल गई। इसके बाद डॉ. शर्मा ने प्राचार्य पद से इस्तीफा का पत्र कुलपति कार्यालय को भेज दिया। पत्र में कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह पर व्यक्तिगत कारणों एवं जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि पीयू प्रशासन ने भेदभाव की नीति पर डिमोट करने का फैसला लिया है। 60 से अधिक शिक्षकों के प्रमोशन की जांच के लिए कमेटी बनी थी। इसमें सिर्फ मुझे ही डिमोट किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले के विरुद्ध कोर्ट में अपील करेंगी। उन्होंने बताया कि 1986 में मेरिट स्कीम के तहत वह रीडर के पद पर प्रोन्नत हुई। इसके बाद 2013 में मेरिट स्कीम के तहत ही 22 दिसंबर 1994 की तिथि से प्रोफेसर पद पर प्रोन्नत किया गया। इतने साल प्रोफेसर रहने, पीजी विभागाध्यक्ष और प्राचार्य रहने के बाद डिमोट किया गया है। कुलसचिव कार्यालय से बुधवार को प्राचार्या के इस्तीफे के बाद केमिस्ट्री विभाग की वरीय शिक्षिका डॉ. बीना रानी को प्रोफेसर इंचार्ज का नोटिफिकेशन जारी किया है।
: प्राचार्या का आरोप बेबुनियाद, नियम के तहत कार्रवाई :
डॉ. शशि शर्मा द्वारा कुलपति पर लगाए गए आरोप पर कुलसचिव कर्नल मनोज मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी। उन्होंने बताया कि कुलपति पर लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। डॉ. शर्मा की पदावनति किसी भी नियम का उल्लंघन कर नहीं हुई है। मेधा प्रोन्नति परिनियम के अंतर्गत उनकी प्रोन्नति का विषय चयन समिति के पास रखा गया था। इसमें विषय के विशेषज्ञ रहते हैं। समिति ने प्रोन्नति के प्रस्ताव की अनुशंसा नहीं की। सिंडिकेट से अनुमोदन के बाद इसे अधिसूचित किया गया है।
: क्या है मामला :
कई शिक्षकों को रीडर से प्रोफेसर में प्रमोट करने के निर्णय के विरुद्ध एक शिक्षक ने कुलाधिपति कार्यालय और हाईकोर्ट में अपील की थी। इस पर हाईकोर्ट ने सभी मामलों को रिव्यू करने का निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया था। रिव्यू करने के लिए बनी सेलेक्शन कमेटी ने डॉ. शशि शर्मा के मेरिट प्रमोशन को रद करने की सिफारिश की थी। इसके बाद सिंडिकेट ने सेलेक्शन कमेटी की सिफारिश को मानते हुए उनकी प्रोन्नति को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया था।
: नैक मूल्यांकन होगा प्रभावित :
प्राचार्या के इस इस्तीफे का असर नैक मूल्यांकन पर पड़ने की संभावना है। कॉलेज ने अभी तक एसएसआर रिपोर्ट नहीं भेजी है। जबकि यह 2017 में ही भेज देनी थी। बदले मैनुअल के कारण एसएसआर रिपोर्ट नहीं भेजी गई थी। तीन जनवरी को ही कॉलेज की 'ए' ग्रेड की मान्यता समाप्त हो गई है। नैक मूल्यांकन को लेकर कॉलेज में कई प्रोजेक्ट संचालित हैं। स्थायी प्राचार्य नहीं होने की स्थिति में नैक मूल्यांकन प्रभावित हो सकता है। वहीं, 18 जुलाई को राज्यपाल का कार्यक्रम को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।