भाजपा के साथ लड़ने के लिए विपक्षी दलों को अहंकार त्यागना होगा: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी राजनीतिक दल जो समाजिक न्याय के पक्षधर हैं, उन्हें एक साथ आकर लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए।
पटना [जेएनएन]। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा से 2019 के चुनाव में मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को अपना अंहकार त्यागना चाहिए। वहीं, कांग्रेस को बिहार और उत्तर प्रदेश में जहां उसकी स्थिति मजबूत नहीं है, दूसरी पार्टियों को ड्राइविंग सीट पर बैठाना चाहिए।
तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा, यह दूसरी बात है। इससे अधिक महत्वपूर्ण सभी विपक्षी दलों को एक साथ आकर संविधान बचाने की जरूरत है। देश की स्थिति काफी खतरनाक हो गई है। संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण खतरे में है। तेजस्वी ने यूपीए 1 का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था।
तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष तभी 2019 के चुनाव में जीत सकता है, जब सब एक साथ हों। 2019 का चुनाव गांधी-अंबेदकर- मंडल बनाम गोलवलकर-गोडसे के बीच है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल जो समाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर हैं, उन्हें अपने अहंकार व मतभेद को त्याग कर एक साथ आकर संविधान की रक्षा करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के हेगड़े के बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी संविधान बदलने के लिए सत्ता में आयी है, का हवाला देते हुए कहा कि तेजस्वी ने कहा कि भाजपा संघ के कानून को देश पर लागू करना चाहती है। बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस की यह जिम्मेवारी है कि सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाये। लेकिन कांग्रेस को यह भी देखना है कि वह अपने सहयोगियों को कैसे मैनेज करेगी।
बिहार में राजद सबसे बड़ी पार्टी है। इस लिहाज से यहां इसके अनुसार रणनीति बनानी चाहिए। उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश देखिए जब मायावती जी और अखिलेश जी एक साथ आये तो उसे इसके अनुसार रणनीति बनानी चाहिए। कांग्रेस की रणनीति सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि ऐसी होनी चाहिए जिससे उसके सभी घटक दलों को सम्मान मिले।
उन्होंने कहा कि करीब 18 राज्यों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी को सबसे बड़े विपक्षी दल को ‘ड्राइविंग सीट' पर बैठाना चाहिए। इस महीने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी से विपक्ष के कई शीर्ष नेताओं के गैर मौजूद रहने पर विपक्षी एकता में दरार की अफवाहों को खारिज करते हुए यादव ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह खुद वहां नहीं थे, लेकिन राजद सांसद मनोज झा ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंने कहा कि उसी दिन हमने बिहार में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। गांधी की इफ्तार पार्टी के लिए कई नेताओं ने अपने प्रतिनिधियों को भेजा था। यह पूछे जाने पर कि भाजपा के पास नरेंद्र मोदी के तौर पर प्रधानमंत्री पद का चेहरा होने का फायदा है, इस पर यादव ने दावा किया कि राजग के सहयोगी दलों के बीच दरार है और इस बात का कोई भरोसा नहीं है कि गठबंधन बरकरार रहेगा या टूट जाएगा।
राजद नेता ने कहा कि लोगों ने चार वर्षों से मोदी जी को देखा है। उन्होंने कुछ नहीं किया। लोगों को पूछना चाहिए कि वह देश के लिए क्या कर रहे हैं। ऐसा व्यक्ति जिसने काम नहीं किया, वह कैसे प्रधानमंत्री पद का चेहरा हो सकता है? भाजपा के पास इस सवाल का जवाब नहीं है और वह मुद्दों से ध्यान भटकाती रहती है। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे प्रधानमंत्री की जरुरत है जो झूठ नहीं बोलता, जो ‘जुमलेबाजी' नहीं करता और जो वही करता है जो वह कहता है। उन्होंने सरकार की विदेश नीति पर भी निशाना साधा और कहा कि कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें सरकार ने अच्छा प्रदर्शन किया हो।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सीटों का बंटवारा अंदरुनी मुद्दा है और वह इस पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी 2019 के आम चुनावों के लिए एक साथ आने वाले विपक्षी दलों की राह में रोड़ा नहीं बनेगी। हम राजग की तरफ क्यों नहीं देखते। बिहार का उदाहरण लीजिए, कैसे वे नीतीश कुमार जी की भूमिका तय करने जा रहे हैं। वे शिवसेना के साथ कैसे सीटों का बंटवारा करने जा रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा अकेली नहीं है। हम हमेशा क्यों भूल जाते हैं और हम हमेशा मोदी जी पर ही क्यों ध्यान केंद्रित करते हैं। उनके पास 40 सहयोगी दल हैं। वह अकेले नहीं है तो हमें क्यों अकेले रहना चाहिए। हमने महागठबंधन बनाकर के लिए बिहार में एक उदाहरण दिया। लालू जी ने पहले ही विपक्षी एकता के लिए फॉर्मूला तय कर दिया है।