राज्य की गंगा व सहायक नदियों में 1569 डॉल्फिन, भोजन का संकट है समस्या
पटना में गंगा और उसकी सहायक नदियों में डॉल्फिन की संख्या बढ़ रही है। एेसा एक रिपोर्ट में सामने आया है।
पटना, जेएनएन। राज्य की गंगा और सहायक नदियों में 1569 राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन हैं। ये हमारे लिए बेहतर तो है पर इनको संकट भी है। जानकार बताते हैं की डॉल्फिन के लिए भोजन एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है। ये जानकारी तीन टीमों के सर्वे में सामने आई है। सिर्फ गंगा नदी में 1097 डॉल्फिन हैं। मंगलवार को आरण्य भवन में गंगा, गंडक एवं कोसी नदियों में राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन की उपलब्धता, सर्वेक्षण कार्य एवं जनजागरुकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
वर्कशॉप का शुभारंभ करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक डीके शुक्ला ने कहा कि खुशी की बात है कि डॉल्फिन की अच्छी संख्या है। सर्वे रिपोर्ट का खुलासा करते हुए कहा कि बिहार से गुजर रही 576 किमी गंगा नदी में 1097 डॉल्फिन हैं। चौसा से मोकामा के बीच 298 किमी लंबी गंगा में 332 डॉल्फिन तथा मोकामा से मनिहारी के बीच 278 किलोमीटर में इनकी संख्या 765 है। गंगा में दो टीमों ने सर्वे किया है।
गंडक नदी में 334 किमी दूरी तक 155 डॉल्फिन तथा घाघरा में 99 किमी में 125 मिलीं। कोसी नदी में सुपौल से 86 किमी की दूरी तक 82 तथा सहरसा से 72 किमी दूरी तक 79 तथा खगड़िया में 16 किमी के सर्वे में 31 डॉल्फिन पाई गई है। महानंदा नदी में सर्वे जारी है। इसके साथ गंगा की तीन और सहायक नदियों में सर्वे कराने की योजना है।
छोटी-छोटी मछलियां हैं भोजन
कार्यशाला में सर्वे कर रहे विशेषज्ञों ने स्पष्ट कहा कि गंगा एवं सहायक नदियों में डॉल्फिन के भोजन पर संकट आ रहा है। छोटी-छोटी मछलियां इनका भोजन है। जगह-जगह घने जाल का इस्तेमाल पाया गया। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार पानी की गहराई वाले स्थलों पर ज्यादा संख्या में डॉल्फिन को पाया गया। गंडक नदी में डाल्फिन के संरक्षण के लिए कदम उठाने की मांग की गई। स्पष्ट कहा गया कि गंडक में साफ पानी है।