कागज पर ही 14 वेंडिंग जोन, एक जगह भी बोर्ड नहीं
फुटपाथी दुकानदार राजधानी में अतिक्रमणकारी नहीं है, बल्कि वे शहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
पटना । फुटपाथी दुकानदार राजधानी में अतिक्रमणकारी नहीं है, बल्कि वे शहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हालांकि, सरकार उनकी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। अधिकारी हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं मान रहे हैं। 2004 में फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडिंग जोन बनाने की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक राजधानी में एक भी वेंडिंग जोन पटना नगर निगम ने नहीं बनाया है। कागजी तौर पर निगम ने 14 वेंडिंग जोन घोषित किए हैं लेकिन एक जगह भी विधिवत बोर्ड नहीं लगाया है। बोर्ड लगाने के नाम पर निगम भाग रहा है। ये बातें सोमवार को फुटपाथ दुकानदार संघ की मौर्यलोक में आयोजित बैठक में संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहीं।
इस अवसर पर निदान के संयोजक राकेश कुमार ने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों को संगठित होकर संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फुटपाथ दुकानदारों के लिए हाईकोर्ट ने 2004 में वेंडिंग जोन बनाने का निर्देश पटना नगर निगम को दिया था लेकिन निगम उस दिशा में केवल फाइल दौड़ा रहा है। कोर्ट को भी गलत जानकारी दी जा रही है। कोर्ट को निगम प्रशासन द्वारा बार-बार बताया जा रहा है कि शहर में 14 वेंडिंग जोन बनाए गए हैं। लेकिन उस स्थल पर निगम से बोर्ड लगाने की बात कहीं जा रही है तो निगम पीछे भाग जा रहा है। उन्होंने कहा कि निगम फुटपाथ दुकानदारों के साथ छलावा कर रहा है। अगर वह ईमानदार होता तो पहले वेंडिंग जोन पर बोर्ड लगा देता।
नासवी के विशाल आनंद ने कहा कि अब तक राजधानी में 12 हजार 500 वेंडरों की पहचान हो चुकी है। लेकिन निगम उन्हें पहचान पत्र भी जारी नहीं कर रहा है। अगर वेंडरों को पहचानपत्र नहीं जारी किया जाएगा तो फिर उन्हें व्यवस्थित कैसे किया जाएगा। बैठक में मो. शहाबुद्दीन एवं अनवर सहित कई लोगों ने भाग लिया।