दो साल में पटना पुलिस के 14 कर्मी भेजे जा चुके हैं जेल, एक साथ निलंबित किए गए थे 45 जवान
पुलिस महकमा चंद जवानों की वजह से बदनाम हो रहा। रिश्वत वसूली और अपराधियों से साठगांठ के साथ ही अब लूट को अंजाम देने में भी पुलिसकर्मियों की भूमिका उजागर हो गई है। पुलिस पदाधिकारी से लेकर जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
जागरण संवाददाता, पटना : शांति और कानून व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी उठाने वाला पुलिस महकमा चंद जवानों की वजह से बदनाम हो रहा। रिश्वत, वसूली और अपराधियों से साठगांठ के साथ ही अब लूट को अंजाम देने में भी पुलिसकर्मियों की भूमिका उजागर हो गई है। छपरा में बरेली व कोलकाता के आभूषण व्यवसायी से सोना लूटकांड के मास्टरमाइंड बीएसएपी के दो जवान शशिभूषण और पंकज परमार निकले। दोनों को शनिवार को पटना से गिरफ्तार कर सारण पुलिस साथ ले गई। दोनों पटना में ही पदास्थापित थे। जल्द से जल्द धनी बनने की चाह में खाकी को दागदार करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी पटना सहित बिहार के कई जिलों में लूट, रिश्वत, वसूली से लेकर लुटेरों को छोड़ने के मामले में पुलिस पदाधिकारी से लेकर जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
गुजरात के सोना कारोबारी से हुई थी लूट
जुलाई 2018 में कदमकुआं थाना क्षेत्र के पीरमुहानी में गुजरात के सोना कारोबारी को फर्जी छापेमारी दस्ते ने पकड़ा था और गिरफ्तारी का भय दिखाकर लूटपाट की थी। वारदात को चार पुलिस जवानों और दो बदमाशों ने मिलकर अंजाम दिया था। इसमें भी मुख्य सरगना पटना पुलिस का जवान था।
हाइवे में लूटपाट करने वाले गिरोह में था जवान
मई 2018 में दरभंगा पुलिस ने लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले अंतरजिला गिरोह गैंग के आठ लुटेरों को गिरफ्तार किया था। चौंकाने वाली बात सामने आई कि इस गैंग में पुलिस लाइन में तैनात एक जवान भी शामिल था। यह गैंग हाईवे पर गाड़ी चालकों को लूटता था।
लूट में शामिल था बिहार पुलिस का जवान
जनू 2019 में मोतिहारी में लूट हुई थी। पल्सर बाइक के साथ पुलिस ने चार लुटेरे को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए लुटेरों में एक बिहार पुलिस का जवान भी शामिल था, जो भोजपुर का रहने वाला था और मुजफ्फरपुर में तैनात था। पुलिस ने आरोपित जवान को भी गिरफ्तार किया।
गिरोह का सरगना निकला होमगार्ड जवान
मई 2020 शिवहर जिले की पुलिस चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जो पुलिस की वर्दी में लूटपाट कर रहे थे। हैरानी की बात यह थी कि पुलिस की वर्दी में लूटपाट करने वाले इस गिरोह का सरगना शिवहर में पदस्थापित एक होमगार्ड का जवान ही निकला।
एक साथ निलंबित कर दिए गए थे 45 पुलिसकर्मी
अगस्त 2018 में तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने अवैध वसूली के मामले में दीदारगंज और मालसलामी के तत्कालीन थानेदारों को निलंबित कर वहां तैनात 93 पुलिसकर्मियों को एक साथ लाइन हाजिर कर दिया था। इसके पूर्व फरवरी 2017 में रुपये लेकर शराब वाहन छोड़ने के आरोप में बेउर थाने के थानेदार सहित 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर विभागीय कार्रवाई की गई। इसके बाद नवंबर 2019 में तत्कालीन ट्रैफिक एसपी ने नो इंट्री में रुपये लेकर लोडेड वाहनों को पार कराने के आरोप में 13 पदाधिकारी सहित 45 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।
शराब तस्कर व लुटेरों से भी ले चुके हैं रिश्वत
- -वर्ष 2019 में रिश्वत लेकर सिक्का लुटेरों को छोड़ने के आरोप में बेउर के तत्कालीन थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों को भेजा गया जेल
- -अगस्त 2020 में दानापुर थाने में दारोगा को विजिलेंस की टीम ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
- -जून 2021 में दीदारगंज के तत्कालीन थानेदार को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। थानेदार व एक जवान को उसी थाने में गिरफ्तार किया गया।
- -फरवरी 2022 में बिहटा में बालू लदे वाहनों से वसूली करने में चौराहे पर तैनात चालक जवान, चौकीदार सहित छह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
- -जून 2021 में होटल व्यवसायी से रिश्वत मांगने के आरोप में रामकृष्णा नगर थाने में तैनात तीन जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
- -मार्च 2022 में बालू लदे ट्रैक्टर चालक से सौ रुपये घूस मांगने के आरोप में चौक थाना के दारोगा और एक चालक को गिरफ्तार किया गया।
- -अगस्त 2022 को दीदारगंज चेक पोस्ट पर तैनात पांच जवानों को रिश्वत लेकर शराब तस्कर को छोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।