बीमारी के कारण 11 हजार वोट होंगे बेकार
पटना। निर्वाचन आयोग और प्रशासन कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशतता
पटना। निर्वाचन आयोग और प्रशासन कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशतता बढ़ाने को परेशान है। वहीं राजधानी के अस्पतालों में भर्ती करीब 2800 मरीज और उनकी देखभाल में व्यस्त आठ हजार से अधिक स्वजन चाहकर भी मतदान नहीं कर सकेंगे। अस्पतालों में भर्ती मरीजों और उनके स्वजन को आजादी के बाद से अबतक पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं दी गई है। बताते चलें कि इस वर्ष निर्वाचन आयोग ने कोरोना संक्रमितों और बुजुर्गो के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की व्यवस्था की है। एक रोगी पर औसतन रहते तीन तीमारदार :
प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों से गंभीर रोगी इलाज के लिए पटना आते हैं। सालों भर यहां के सरकारी और निजी अस्पताल भरे रहते हैं। हर एक रोगी के साथ औसतन तीन तीमारदार आते हैं। यदि रोगी राजधानी या आसपास के क्षेत्रों के होते हैं तो तीमारदारों की संख्या आधा दर्जन तक पहुंच जाती है। ऐसे में चाहकर भी मरीज तीमारदार अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते हैं। पीएमसीएच में रहती है सबसे अधिक भीड़ :
त्योहारों को देखते हुए आजकल अस्पतालों में रोगियों की संख्या कम है। बावजूद इसके पीएमसीएच में शुक्रवार को करीब हजार मरीज भर्ती थे। स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार हर रोगी के साथ करीब तीन स्वजन रहते हैं। वहीं आइजीआइएमएस में वर्तमान में 500 के आसपास मरीज भर्ती हैं। रोगी की हालत गंभीर होने के कारण यहां औसतन चार तीमारदार पहुंचते हैं। एनएमसीएच में करीब 70 रोगी और दो से ढाई सौ स्वजन इस समय हैं जबकि कोविड अस्पताल पटना एम्स में औसतन 190 मरीजों के साथ करीब तीन सौ तीमारदार रहते हैं।