कर्मचारी को बर्खास्त करने पर पशुपालन विभाग पर 11 लाख जुर्माना, जानें क्या है मामला
26 वर्ष तक एक कर्मचारी की सेवा लेने के बाद उसकी नियुक्ति को अवैध बताने के मामले में पशुपालन विभाग पर 11 लाख का जुर्माना लगा है। विभाग को मुआवजा इसी माह देना है।
पटना, जेएनएन। कर्मचारी के साथ न्याय हो इसके लिए बिहार सरकार अपनी ओर से पहल कर रही है। इसके बावजूद कुछ न कुछ समस्या बनी रहती है। आए दिन कई सारे मामेल सुनने को आते रहते हैं। अभी कर्मचारी के हक की खबर है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने पशुपालन विभाग पर 11 लाख का जुर्माना ठोका है।
इसी माह के अंत में देने होगा मुआवजा
आयोग ने पशुपालन विभाग द्वारा 26 वर्षो तक सेवा देने के बाद कर्मचारियों की बर्खास्तगी को मौलिक अधिकार को हनन बताते हुए, इस माह के अंत तक कर्मचारी संजय कुमार सिन्हा को 11 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है। पशुपालन विभाग ने संजय कुमार सिन्हा की नियुक्ति अवैध बताकर सेवा से बर्खास्त कर दिया था, जिसके खिलाफ उन्होंने आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
नियुक्ति को बताय दिया था अवैध
संजय कुमार सिन्हा की नियुक्ति 19- 7-1989 को क्षेत्रीय निदेशक द्वारा संयुक्त बिहार के छोटानागपुर में की गई थी। उनकी नियुक्ति का अवधि विस्तार किया गया। लेकिन बाद में पशुपालन विभाग ने संजय कुमार सिन्हा की नियुक्ति को अवैध बता दिया। विभाग का कहना है कि कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार क्षेत्रीय निदेशक को नहीं था। इस संबंध में 1988 में कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा गया था। उस समय संजय कुमार सिन्हा सहित 25 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। बाद में नियुक्त कर्मियों की सेवा संपुष्ट की गई। उन्हें एसीपी का लाभ भी दिया गया।