हाल एनएमसीएचः 30 बेड की इमरजेंसी में 100 मरीज, सात के स्थान पर चार नर्सें
पटना में स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थिति तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं सुधर रही है। दोगुना से ज्यादा मरीज निर्धारित स्थान पर भर्ती कराए जा रहे हैं। नर्स का न होना बड़ी समस्या है।
पटना, जेएनएन। तमाम कोशिशों के बाद भी नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी 100 बेड की नहीं हो सकी है। इमरजेंसी का विस्तार जरूर हुआ है पर कई विभागों से जगह खाली कराकर बेड लगाए गए हैं। स्वीकृत 30 बेड वाली इमरजेंसी में 70 बेड लगे हैं। भर्ती मरीजों की संख्या लगभग 100 है। इन मरीजों की सेवा के लिए इमरजेंसी में एक पाली में आठ नर्स की ड्यूटी लग रही है। इनमें से औसतन चार-पांच नर्स ही उपस्थित रहती हैं। इमरजेंसी में भर्ती मरीजों की चिकित्सकीय सेवा बुरी तरह प्रभावित है। डॉक्टर इस मसले को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं।
नर्स के न होने से मरीजों को समझानी पड़ती है दवा
इमरजेंसी में कार्यरत डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की संख्या के अनुपात में नर्स के नहीं रहने से राउंड लगाने, इलाज करने, रोग व रोगी संबंधित दिशा-निर्देश देने में काफी दिक्कत आ रही है। मरीज व परिजन को दवा समझाना पड़ता है। ऐसे में मरीज के गलत दवा खा लेने से हालत गंभीर होने तथा जान तक जाने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
डॉक्टरों ने बताया कि रात में इमरजेंसी की हालत और भी चिंताजनक हो जाती है जब नर्स की संख्या घट कर चार रह जाती है। आवश्यकता पड़ने पर नर्स ढूंढ़े नहीं मिलती। बताया जाता है कि नर्स विशेष अवकाश व अन्य कारणों से अवकाश पर हैं। डॉक्टरों की मानें तो एक शिफ्ट के लिए तैनात आठ नर्स कभी पूरी संख्या में नहीं होती हैं।
नर्स कम हैं, कुछ नहीं किया जा सकता : रजिस्ट्रार
इमरजेंसी के रजिस्ट्रार डॉ. केके दास ने इस मसले पर कहा कि नर्स कम हैं। इनकी संख्या बढ़ानी होगी। इस मामले में हमारे स्तर से कुछ नहीं हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग एवं अस्पताल प्रशासन को कुछ करना होगा। वहीं नर्सों का कहना है कि दूसरे छोर तक भर्ती मरीजों के पास पहुंचने के लिए भाग-दौड़ करनी होती है।