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बिहार के एससी-एसटी बहुल गांवों में खुलेंगे 100 बीपीओ, मिलेगा रोजगार

केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आबादी बहुल गांवों में 100 बीपीओ खोलने की घोषणा की।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 14 Apr 2018 08:09 PM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 10:26 PM (IST)
बिहार के एससी-एसटी बहुल गांवों में खुलेंगे 100 बीपीओ, मिलेगा रोजगार
बिहार के एससी-एसटी बहुल गांवों में खुलेंगे 100 बीपीओ, मिलेगा रोजगार

पटना [राज्य ब्यूरो]। डॉ भीमराव आंबेडकर की 127 वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कानून न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी बहुल गांवों में 100 बीपीओ खोलने और उसकी कमान इसी समुदाय के हाथों में देने की घोषणा की। मौका था डॉ.बीआर आंबेडकर के विजन और मिशन विषय पर कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से हुए दलित सशक्तीकरण कार्यक्रम का।

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इसमें राज्य भर से आए 300 दलितों के बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरे दलों की तरह हम केवल वोट की बात नहीं करते हैं। एससी-एसटी बस्तियों में जो बीपीओ खुलेंगे उसमें पांच-दस महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। बिहार के हर जिले के एक-एक गांव को डिजिटल (डिजि गांव) बनाया जाएगा। देश में छह करोड़ गरीब परिवारों को डिजिटल साक्षर किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एससी-एसटी के लोगों को शिक्षित बनाने के लिए मिशन मोड में डिजिटल प्रोग्राम शुरू होगा। कॉमन सर्विस सेंटर में जल्द ही रेल टिकट भी मिलेगा। इसके लिए रेल मंत्रालय के साथ सहमति बन चुकी है।

डॉ.बीआर आंबेडकर के विजन और मिशन की चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संविधान निर्माण में उन्हें इसलिए नहीं लगाया गया था कि वे दलित थे बल्कि उस समय वे सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे थे। डॉ.आंबेडकर के नाम पर वोट मांगने वाले जान लें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सपनों को  साकार करने के लिए आज दलितों को डिजिटल इंडिया से जोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत 6 करोड़ लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है। इनमें 1.02 करोड़ लोगों को साक्षर बनाया जा चुका है। कॉमन सर्विस सेंटर में सबसे बेहतर कार्य करने वाले वीएलई (संचालक/संचालिका) को मंत्रालय की ओर से एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश भर में 2.91 लाख कॉमन सर्विस सेंटर हैं जहां पर आम लोगों को 300 सेवाएं दी जा रही हैं। बिहार में 22613 कॉमन सर्विस सेंटर है जो 8 हजार पंचायतों में लोगों को सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत 1.12 करोड़ लोग ट्रेंड हो चुके हैं। उनमें 23 लाख एससी और 1.50 लाख एसटी लोग हैं। जबकि बिहार में 8.2 लाख लोगों को डिजिटल इंडिया के तहत साक्षर बनाया जा चुका है। इनमें 2 लाख एससी-एसटी हैं। बिहार में 2900 कॉमन सर्विस सेंटर पर महिलाएं काम कर रही हैं।

इस अवसर पर विधायक अरुण कुमार सिन्हा, डॉ.संजीव चौरसिया एवं नितिन नवीन ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में राज्य भर से विभिन्न कॉमन सर्विस सेंटर के करीब 300 दलित वीएलई शामिल हुए। कॉमन सर्विस सेंटर के सीईओ डॉ.दिनेश के. त्यागी ने अतिथियों का स्वागत किया। गया जिले के भूसिया गांव की वैजयंती देवी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

इससे पहले कॉमन सर्विस सेंटर में काम करने वाली पांच महिला वीएलई को पुरस्कृत किया। जिसमें नालंदा की सोनी कुमारी, नवादा की गायत्री देवी, समस्तीपुर की लीला ज्योति, सहरसा की गौरी कुमारी एवं कटिहार की आशा देवी शामिल हैं।


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