बारिश में कालाबाजारी रोकने को 10 करोड़ घन फीट बालू का किया गया भंडारण
पटना। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों के अनुसार बारिश के मौसम में तीन माह तक बालू का खनन बंद हो जाता है।
पटना। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों के अनुसार बारिश के मौसम में तीन माह तक बालू का खनन बंद हो जाता है। रविवार से पटना के बालू घाटों पर भी खनन का कार्य बंद कर दिया गया। आमतौर पर खनन कार्य बंद होने के बाद बालू की कालाबाजारी की आशंका बनी रहती है। इस बार पटना जिला में पर्याप्त बालू के भंडारण का दावा किया जा रहा है।
जिले के सहायक निदेशक खनन सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि दस करोड़ घन फीट बालू का भंडारण किया गया है। बंदोबस्त घाटों के 300 फीट के इर्द-गिर्द लगभग सात करोड़ घन फीट बालू का भंडारण किया गया है। शेष तीन करोड़ घन फीट जिले के अन्य केंद्रों पर भंडारण किए गए हैं। इसके लिए 74 अनुज्ञप्ति जारी हुई है।
इधर लघु खनिज व्यवसायी संघ ने कहा है कि इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कम अनुज्ञप्ति जारी हुई है। पिछले साल 172 लाइसेंस निर्गत किए गए थे। इस वजह से बालू की कीमत में वृद्धि नहीं हुई थी। पर इस बार 600 आवेदन के बावजूद मात्र 72 अनुज्ञप्ति जारी की गई है। सभी लाइसेंस एक ही कंपनी के नाम से निर्गत हुई है। इससे कालाबाजारी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। संघ के सचिव विपिन कुमार ने बताया कि वर्तमान में बालू की कीमत 6,500 से 7,000 रुपये प्रति ट्रैक्टर हो गई है। यही नहीं आवश्यकता पड़ने पर लोगों को तुरंत बालू भी नहीं उपलब्ध हो पा रही है। उन्होंने कहा कि संघ जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर इस गोरखधंधे की जांच की मांग करेगा।