बिहार में अवैध हथियार रखने वाले 1.74 लाख लोगों की एक वर्ष में हुई गिरफ्तारी
विधान परिषद में प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव ने बताया कि अपराध नियंत्रण और अवैध हथियार की तस्करी रोकने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। उधर जल संसाधन मंत्री ने बताया बिहार में आधे से अधिक नलकूप बंद हैं राशि आवंटन के बावजूद नहीं हुए चालू।
पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार में अपराध रोकने के साथ अवैध हथियार बनाने व आपूर्ति करने वालों पर कठोर कार्रवाई होती है। पिछले वर्ष में दो लाख 57 हजार कांड दर्ज हुए। इसमें एक लाख 74 हजार से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। शस्त्र अधिनियम के तहत भी तीन हजार 167 कांड दर्ज किए गए।
विधान परिषद में गुरुवार को प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र यादव ने यह जानकारी दी। मंत्री ने परिषद सदस्य संजीव श्याम के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। मंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण और अवैध हथियार की तस्करी रोकने के लिए पुलिस लगातार कार्रवाई करती है। घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को सजा दिलाई जाती है।
राज्य में गत वर्ष 34 मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया। 12 हजार 456 कारतूस और 95 बम बरामद किए गए। रेगुलर हथियार भी 29 बरामद हुए तो बरामद देशी हथियारों की संख्या तीन हजार 955 है। अपराधियों से साथ गत वर्ष आठ जगहों पर पुलिस की मुठभेड भी हुई।
बिहार में आधे से अधिक नलकूप बंद
लघु जल संसाधन विभाग के आधे से अधिक नलकूप बंद हैं। कुल 10,240 नल कूपों में महज 4300 नलकूप चालू हैं। वहीं, 5940 नलकूप बंद हैं। 2904 नल कूपों को चालू कराने के लिए विभाग की ओर से 138 करोड़ रुपये दिए गए हैं। शेष नल कूपों को चालू कराने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। विधान परिषद में लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने भाजपा के विधाना पार्षद रजनीश कुमार सवाल पर सदन को यह जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि बेगूसराय जिले के 69 नलकूप को चालू कराने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। सरकार के जवाब में बताया कि उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में नलकूपों के संचालन एवं अनुश्रवण समन्वय समिति बनाई गई है।
अहम यह है कि बेगूसराय जिले के कुल 422 राजकीय नलकूपों में महज 213 नलकूप चालू हैं। मंत्री ने बताया कि नलकूपों को चालू कराने के लिए बेगूसराय जिले के पंचायतों को चार करोड़ रुपये दिए गए हैं। मंत्री जवाब पर पूरक प्रश्न के जरिए विधान पार्षद नीरज कुमार ने भी राशि आवंटन के बावजूद नलकूप चालू नहीं होने पर चिंता जताई।
उन्होंने सरकार का ध्यान दो वर्ष मामला लंबित रहने की ओर भी आकृष्ट किया। कांग्रेस के प्रेम चंद्र मिश्र और राजद के सुबोध राय अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया।