Move to Jagran APP

जलमीनार से पानी की सप्लाई बंद, बूंद बूंद को तरस रहे हैं लोग

गया। नवादा के रजौली प्रखंड मुख्यालय स्थित एसडीपीओ आवास परिसर मे स्थित जलमीनार शोभा की वस्तु बन गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:54 AM (IST)
जलमीनार से पानी की सप्लाई बंद, बूंद बूंद को तरस रहे हैं लोग
जलमीनार से पानी की सप्लाई बंद, बूंद बूंद को तरस रहे हैं लोग

गया। नवादा के रजौली प्रखंड मुख्यालय स्थित एसडीपीओ आवास परिसर में लाखों की लागत से बने जल मीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। लाखों की लागत से बना जल मीनार से पिछले एक माह से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। शुद्ध पेयजल के लिए लालायित स्थानीय लोगों में आक्रोश पनपने लगा है। करीब एक माह से लोगों को पानी के अभाव के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की तलाश में लोग इधर- उधर भटकने पर मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है कि मोटर पंप ऑपरेटर की वजह से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। क्योंकि वह अक्सर गायब रहता है। एसडीपीओ परिसर में जलमीनार रहने से आम लोगों को इसकी कुछ भी जानकारी नहीं मिल पाती है। जिसके फलस्वरूप फ्लोराइड आर्सेनिक युक्त गंदा पानी लोगों को मजबूरन पीना पड़ रहा है। दिलीप साव, संतोष कुमार, बब्लू पंडित,मनीष सोनी, पिकू लाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि अफसरों तक इस बात की शिकायत मौखिक तौर पर की गई है। उसके बाद भी आज तक पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई। जिसके कारण हजारों लोगों के सामने पानी का संकट है। पानी नहीं मिलने से लोग परेशान हैं। एक तो पानी का लेयर धीरे-धीरे नीचे जा रही है। जिसके कारण यहां के कई चापाकल पानी देना बंद कर दिया है। जिसके कारण पानी की समस्या से निजात मिलने के बजाए और हाहाकार हो रहा है। जलमीनार से पानी की सप्लाई होती थी, तो पेयजल की कभी भी परेशानी नहीं होती थी। लेकिन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण जलमीनार से पानी नहीं मिल रहा है। लोग जलापूर्ति की आस में आज भी दिन गिन रहे हैं कि यह कब चालू होगा और लोगों को पानी मिल सकेगा। एक ओर सरकार गांव में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए नल जल योजना को युद्ध स्तर पर मूर्त रूप देने की कोशिश कर रही है। जिसमें सरकार के करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं। दूसरी तरफ पूर्व की व्यवस्था में लाखों खर्च के बाद भी लोगों को पानी की एक बूंद नसीब नहीं हो रहा है। पुरानी व्यवस्था के ठप रहने से जन भावनाओं के साथ लोग खिलवाड़ मान रहे हैं। हर वर्ष पाइप की मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर छोड़ दिया जाता है। जब विभाग से जानकारी ली जाती है, तो बहुत जल्द चालू हो जाएगा कह कर अपना पल्ला झाड़ते नजर आते हैं। पानी के लिए जो पाइप लाइन बिछाई गई है, जगह-जगह वह जर्जर स्थिति में है। लोगों की माने तो पाइप बिछाने के बाद से कभी भी मरम्मत नहीं किया गया है। लेकिन इस बारे में विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती है। जिसके कारण यहां के लोग उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य हो गए हैं। हालांकि इस संबंध में पीएचईडी के कनीय अभियंता दिलीप कुमार के संपर्क नंबर पर जानकारी लेनी चाही तो वे फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.