बहुआरा डैम से पानी का रिसाव, हरकत में आए अधिकारी
प्रखंड के बांधी पंचायत स्थित बहुआरा डैम से पानी का दबाव बढ़ने पर रिसाव शुरू हो गया। फलस्वरूप ग्रामीण बांध टूटने की आशंका से सहम उठे। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारी हरकत में आ गए और डैम के समीप पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से मरम्मत कार्य में जुट गए।
प्रखंड के बांधी पंचायत स्थित बहुआरा डैम से पानी का दबाव बढ़ने पर रिसाव शुरू हो गया। फलस्वरूप ग्रामीण बांध टूटने की आशंका से सहम उठे। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारी हरकत में आ गए और डैम के समीप पहुंच कर ग्रामीणों की मदद से मरम्मत कार्य में जुट गए। जेसीबी के सहारे मिट्टी से भरा गया। जिसके बाद पानी का रिसाव बंद हुआ। डीएम कौशल कुमार ने भी बहुआरा पहुंचकर डैम का जायजा लिया।
बताया जाता है कि डैम से अचानक पानी का रिसाव शुरू हो गया था। जिससे डैम का भिड ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया था। अनहोनी की आशंका से डरे ग्रामीणों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। जिसके बाद रजौली एसडीएम चंद्रशेखर आजाद, बीडीओ अखलेश कुमार, सीओ ठुइया उरावं आदि वहां पहुंचे। इसके बाद जेसीबी मंगाकर मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। एसडीएम ने बताया कि स्थानीय मजदूरों के सहयोग से पानी बहाव पर रोक लगा दिया गया है। लेकिन अभी भिड को और मजबूत करना जरुरी है। बाद में डीएम कौशल कुमार ने भी जलाशय का जायजा लिया और सिचाई विभाग के अधिकारियों को स्थिति पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया। वहीं जिला परिषद अध्यक्ष पिकी भारती, मुखिया कमला देवी ने भी डैम का जायजा लिया। मौके पर खटांगी मुखिया राम लखन प्रसाद यादव, नंदकिशोर गुप्ता, सीआइ राजेश कुमार सिंह, सिचाई विभाग के कुमार गौरव, प्रभात रंजन, देवराज रजक, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष दीपक कुमार आदि भी उपस्थित थे। बता दें कि रिसाव नहीं रुकने पर डैम के निचले भाग में बहुआरा, भीतिया, पांडेडीह, चैलि, चपरी, झरना, फुलवरिया, झगरी बिगहा, केवाल समेत दर्जनों गांव तबाह हो जाते। लेकिन समय रहते अधिकारी हरकत में आए और मरम्मत कराया गया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि वर्ष 1982 में तत्कालीन विधायक बाबूलाल चौधरी के प्रयास पर डैम का निर्माण कराया गया था। वार्ड सदस्य सतेंद्र राजवंशी, उपेन्द्र रविदास, बिगन यादव आदि ने कहा कि विभागीय कर्मियों की लापरवाही के चलते रिसाव की समस्या उत्पन्न हुई।