जिले के अनेक गांव-कस्बों में पानी का संकट बना है चुनावी मुद्दा
नवादा जिला बीते कई वर्षों से लगातार पानी का संकट झेल रहा है। यहां के दर्जनों गांवों में।
नवादा जिला बीते कई वर्षों से लगातार पानी का संकट झेल रहा है। यहां के दर्जनों गांवों में बीते कई महीनों से पानी की गंभीर समस्या बनीं हुई है। चूंकि गर्मी ने दस्तक दे दी और आम चुनाव को लेकर हर तरफ राजनीति हो रही है। लिहाजा, आम ग्रामीणों के लिए पानी का संकट बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है। गांव-कस्बों में वोट मांगने पहुंच रहे नेताओं को इस बुनियादी मुद्दा से दो चार होना पड़ रहा है। जिले में पेयजल संकट की स्थित ऐसी है कि अनेक जगहों पर लगा चापाकल पानी नहीं दे रहा हैं। कई गांव के लोगों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर के चापाकलों पर से पानी ढोकर लाना पड़ता है। कई ऐसे गांव हैं जहां पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है। वहां के अधिकांश चापाकल फेल हो चुके हैं। जिनके घरों में सबमर्सिबल लगा हुआ है उन्हीं को पानी नसीब हो रहा है। ग्रामीणों के साथ ही मवेशियों को भी पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जिले के तमाम नदी-नाले, आहर-पोखर सूखे पड़े हैं। इससे भी जल संकट है। नवादा ब्लॉक के महुलीडह गांव के नरेश पासवान, कृष्णा शर्मा, योगेंद्र यादव, नवीन पासवान, निगारी गांव के बालेश्वर पासवान, सत्येंद्र पासवान आदि ने कहा कि गांव में ज्यादातर चापालक सूखने से पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मेसकौर, रजौली, कौआकोल व नारदीगंज का इलाका ज्यादा प्रभावित
- जिले का मेसकौर प्रखंड क्षेत्र ऐसा इलाका है जहां पानी का भीषण संकट है। जानकारों की राय में यहां की धरती के नीचे पानी मिलना मुश्किल वाली बात है। कहीं मिलता है भी तो वह 200 से 300 फीट की गहराई में। जिले का मेसकौर सर्वाधिक जल संकट क्षेत्र है। इसके अलावा रजौली के पहाड़ी इलाके, कौआकोल व नारदीगंज के अनेक गांवों में पानी का संकट है। इन प्रखंडों के अलावा दूसरे प्रखंडों में भी लोग पानी की दिक्कत होने से परेशान हैं। ग्रामीणों की चिता इस बात की है अभी यह स्थिति है तो मई-जून में क्या हालात होंगे ? मेसकौर के कई गांव ऐसे हैं जहां दूर-दूर तक पानी नहीं मिलता है। मेसकौर में बोरिग पंप से सैकड़ों घरों तक पहुंचाया जा रहा पानी
- मेसकौर में ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने के लिए पीएचईडी की ओर से प्रयास किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक रंकाजलालपुर गांव में बोरिग पंप कराकर पाइप के जरिए वार्ड संख्या 1, 2, 3 और 4 में पानी दिया जा रहा है। यहां मुस्लिम टोला, महाराजवन, अनुसूचित जाति टोला के करीब 480 घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। पानी के भागते लेयर व खराब चापाकलों पर है विभाग की नजर
- विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हरेक माह जिले के विभिन्न इलाकों में जलस्तर की मापी की जाती है। इसके साथ ही खराब चापाकलों को मरम्मत करने का काम निरंतर जारी है। नक्सल क्षेत्र में बंद पड़े चापाकलों को मशक्कत से चालू कराया जा रहा है। हाल ही में रजौली के सपही, टोपा पहाड़ी, माइका वेलफेयर, मारोटाड़, बसरौन में करीब 10 चापाकलों में राइज पाइप डालकर पानी चालू किया गया है। वहीं इलाके में 10-12 नए चापाकल गाड़े गए हैं। मवेशियों को पानी पिलाने के लिए बन रहे पशु नाद
- जिले में मवेशियों को पानी पिलाने के लिए पीएचईडी के स्तर से सोलर पशु नाद की योजना क्रियान्वित की जा रही है। जानकारी के मुताबिक जिले में 30 जगहों पर नाद बनना है। अब तक 22 जगहों पर काम प्रारंभ है। 12 जगहों पर बोरिग करने व नाद का कार्य पूर्ण हो गया है। जिले में अभी तक 3 जगहों पर सोलर पशु नाद मवेशियों को पानी पिलाने के लिए चालू हो चुके हैं। सात निश्चय से 802 वार्डों तक ही पहुंचा नल-जल का पानी
- राज्य सरकार ने हरेक गांव में नल-जल के लिए सात निश्चय की योजना चला रखी है। इसमें पंचायत की वार्ड क्रियान्वयन समिति और पीएचईडी विभाग के जरिए लक्ष्यवार वार्ड में पानी पहुंचाना है। कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही एजेंसियों ने अब तक 802 वार्डों में पानी पहुंचाया है। जबकि जिले में 2527 वार्ड हैं। इस लिहाज से देखें तो पानी पहुंचाने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। पीएचईडी को जिले में 536 वार्ड में नल-जल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। इसमें से अब तक 117 में काम पूर्ण हुआ है। 280 में काम शुरू है। यह आंकड़े फरवरी 2019 तक के हैं। तो वहीं वार्ड क्रियान्वयन एजेंसी ने मार्च 2019 तक 785 वार्ड में नल-जल से पानी पहुंचाया है। वहीं, नल-जल जिन गांवों में पहुंचा है वहां अनेक जगहों पर पानी की बर्बादी भी हो रही है। इसके लिए आम जनजागरुकता की दरकार है।
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ग्राफिक्स:
पानी का लेयर विभिन्न इलाकों में, फीट में
प्रखंड कार्यालय प्राथमिक विद्यालय, नवादा-49.50
गांधी इंटर विद्यालय, नवादा-48.20
नवादा, सिसवां - 51.40
काशीचक, कन्दोपुर -46.30
सिरदला, कोल्डीहा-39.20