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लॉकडाउन में ओलावृष्टि ने बढ़ाई परेशानी, दोगुने हुए सब्जियों के दाम

लॉकडाउन के बीच गुरुवार को ओलावृष्टि ने जिले में भारी ताबही मचाई। इसी कारण सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। इसका असी खासकर सब्जी बाजार पर व्यापक असर देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 10:20 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 10:20 PM (IST)
लॉकडाउन में ओलावृष्टि ने बढ़ाई परेशानी, दोगुने हुए सब्जियों के दाम
लॉकडाउन में ओलावृष्टि ने बढ़ाई परेशानी, दोगुने हुए सब्जियों के दाम

लॉकडाउन के बीच गुरुवार को ओलावृष्टि ने जिले में भारी ताबही मचाई। इसी कारण सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। इसका असी खासकर सब्जी बाजार पर व्यापक असर देखा जा रहा है। सब्जी बाजार में दुकानदार अपनी दुकानें सजाकर बैठे रहते हैं। लॉकडाउन में आमजनों को घर से निकलने की मनाही है। इसके कारण सब्जी बाजार में अधिक संख्या में खरीदार नहीं पहुंच पा रहे हैं। सब्जी बाजार में इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचते हैं। इससे सब्जी व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।

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रविवार की दोपहर करीब 2 बज रहे थे। दैनिक जागरण की टीम नगर के गांधी इंटर विद्यालय मैदान स्थित वेंडिग जोन पहुंची। जहां दर्जनों की संख्या में सब्जी विक्रेता अपनी दुकान लगाकर बैठे ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे थे। कई दुकानों पर लोग सब्जी की खरीदारी भी कर रहे थे। इसी बीच जब कैमरा का फ्लैश चमका तो सब्जी विक्रेता चौंक गए। सब्जी विक्रेताओं ने पूछा सर हमलोग का फोटो खींच रहे हैं। किसी प्रकार की गलती हुआ है क्या। जब विक्रेताओं को पता चला कि जागरण अखबार से हैं तो अपनी कहानी सुनाने लगे। विक्रेताओं ने बताया कि लॉकडाउन के पहले चरण में गाड़ी का अभाव था। इसके कारण बाहर से आने वाले आलू, प्याज, पटल समेत अन्य सब्जियों का मंगवाने में परेशानी हो रही थी। गाड़ी का दोगुना भाड़ा देकर सब्जी मंगवाना पड़ रहा था। इसी बीच ओलावृष्टि से सब्जियों को काफी नुकसान हुआ।

लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ वाहनों का परिचालन शुरू हुआ। इसके बाद बाहर से सब्जी मंगवाने में भाड़ा भी कम लगने लगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र से भी सब्जी आना शुरू हो गया, लेकिन तीन दिन पूर्व आंधी-पानी व ओलावृष्टि होने से सब्जी का फसल नुकसान हुआ और खेतों में पानी भर जाने से सब्जी का फसल क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय स्तर पर हरी सब्जी की कीमत कम हो गई। बहरहाल सब्जी मंडी में इक्का-दुक्का खरीदार पहुंच रहे हैं। इससे सब्जी बाजार प्रभावित हो रहा है। सब्जी बर्बाद होने से दुकानदारों को हो रहा नुकसान

- वेंडिग जोन में बैठकर सब्जी बेच रहे विक्रेता राजेश कुमार, प्रदीप कुमार, सुधीर महतो आदि ने बताया कि हरी सब्जी की बिक्री कम हो रही है। कच्चा सामग्री रहने के कारण एक-दो दिन में सब्जी सड़ने लगता है। सुरक्षित रखने की भी व्यवस्था नहीं है। सब्जी सड़ने से आíथक रूप से काफी नुकसान हो रहा है। किसी प्रकार से लागत मूल्य निकल रहा है। ऐसे में परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। कहते हैं सब्जी विक्रेता

- सब्जी विक्रेता रंजीत कुमार, मुन्ना कुमार समेत कई लोगों ने बताया कि लॉकडाउन में दैनिक मजदूरी करने वालों की परेशानी बढ़ी है। बाजारों में अंडा, रौल, चाट, चौमिन आदि की दर्जनों ठेला लगता था। लॉकडाउन में इन दुकानों को लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बाद सभी लोग ठेला पर सब्जी लेकर मोहल्ला में घूमकर बेच रहे हैं। लोग अपने घर पर ही सब्जी की खरीदारी कर लेते हैं और सब्जी की कीमत पहले की अपेक्षा सस्ती दर पर मिल रहा है। वेंडिग जोन में सब्जी खरीदने के लिए इक्का-दुक्का लोग पहुंचते हैं। इसके कारण सब्जी व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सब्जी की कीमत प्रति किलो में

आलू- 18-20 रुपये

प्याज- 16-20 रुपये

लहसुन- 80-100 रुपये

पटल- 30-40 रुपये

कटहल- 25-30 रुपये

नेनुआ- 30-40 रुपये

करैला- 30-40 रुपये

बैगन- 20-30 रुपये

टमाटर- 20 रुपये


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