दिबौर से लालू मोड़ तक हिचकोले खाकर सफर कर रहे यात्री
बिहार-झारखंड की सीमा दिबौर से लेकर लालू मोड़ तक सड़क की हालत जर्जर है। सड़क पर कई गड्ढे बने हुए हैं, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
बिहार-झारखंड की सीमा दिबौर से लेकर लालू मोड़ तक सड़क की हालत जर्जर है। सड़क पर कई गड्ढे बने हुए हैं, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस मार्ग पर सफर करने वाले यात्री हिचकोले खाने को विवश हैं। 14 किलोमीटर की इस दूरी में सड़क पर बने गड्ढों ने यात्रियों के साथ ही वाहन चालकों की भी परेशानी बढ़ा दी है। गड्ढों के चलते वाहनों में अक्सर खराबी आ जाती है, जिसकी मरम्मत पर खर्च वहन करना पड़ता है। आलम यह है कि बड़ी गड्ढों वाली जगह पर वाहन चालक सवारियों को नीचे उतार देते हैं। फिर आगे बढ़कर उन्हें सवार किया जाता है। बता दें कि एनएच 31 तीन राज्यों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है। यह बिहार, झारखंड और असम को जोड़ती है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल जाने के लिए भी लोग इसी पथ का इस्तेमाल करते हैं। प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्री और मालवाहक वाहन इस पथ से होकर गुजरते हैं। दिन-रात वाहनों का परिचालन जारी रहता है। इतनी महत्वपूर्ण सड़क होने के बावजूद दिबौर से लेकर लालू मोड़ तक पथ की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है। यात्री जान जोखिम में डाल कर सफर करते हैं। जर्जर पथ के चलते आए दिन हादसे होते रहते हैं। जिसमें कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं तो कई लोग अपंग हो चुके हैं। धूल कण से परेशान रहते हैं ग्रामीण
- दिबौर से लेकर लालू मोड़ तक सड़क किनारे कई गांव हैं। जहां निवास करने वाले लोग धूल-कण से परेशान रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जर्जर सड़क पर वाहनों का परिचालन जारी है। इससे सड़क से काफी धूल उड़ता है। वायु प्रदूषण हो रहा है। धूल से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। घर के बाहर दरवाजे पर बैठना दुश्वार हो गया है। लेकिन कोई इस समस्या से निजात नहीं दिला रहा। सड़क की मरम्मत नहीं होने से नाराजगी
- पिछले साल जर्जर पथ की मरम्मत को लेकर टेंडर निकाला गया था। कई स्थानों पर काम भी कराया गया है। लेकिन इस 14 किलोमीटर की दूरी में मरम्मत का काम नहीं हुआ। जिसके चलते लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। कांग्रेसी नेता राम रतन गिरी कहते हैं कि सरकार सड़क की मरम्मत के प्रति ध्यान नहीं दे रही है। प्रशासन भी दिलचस्पी नहीं ले रही। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सड़क की दशा सुधारने पर ध्यान नहीं दिया गया तो जल्द ही धरना-प्रदर्शन शुरु किया जाएगा। अतिव्यस्तम मार्ग होने के बावजूद इस प्रकार की अनदेखी उचित नहीं है।