शैशावस्था में ही दम तोड़ रही है परिवहन योजना
जिले में मुख्यमंत्री परिवहन योजना शैशावास्था में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। ऐसे में हर पंचायत में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग गया है।
जिले में मुख्यमंत्री परिवहन योजना शैशावास्था में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। ऐसे में हर पंचायत में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग गया है। योजना के तहत जिले के सभी 187 पंचायतों की पांच-पांच युवकों को वाहन खरीद के लिए प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया जाना था। लेकिन प्रचार -प्रसार के अभाव में योजना में युवा अपनी रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
इस योजना के तहत प्रथम चरण में जिले में कुल 935 आवेदन आए थे। जिसमें जांचोपरांत 276 आवेदनों को स्वीकृत किया गया। इसकी अपेक्षा 49 लाख रुपये का आवंटन जारी किया गया था। इनमें से अबतक मात्र 17 आवेदकों ने ही वाहनों की खरीद की है। शेष यूं ही हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कहां है पेंच
-माना जा रहा है कि वैसे ही आवेदकों ने अपना फॉर्म जमा कराया था जिन्हें वाहन खरीदने की बजाय अनुदान में प्राप्त होने वाले एक लाख रुपये पर नजर थी। उनकी सोच थी कि राशि उनके खाते में आ जाएगी और वाहन खरीदने की बजाय वे निकासी करा सरकारी राजस्व को चूना लगा देंगे। नियमानुसार वाहन की खरीदारी के बाद उन्हें विभाग द्वारा अनुदान की राशि उपलब्ध कराया जाना है। इस प्रकार के नियम के बाद योजना की गति पर विराम लग गया है। जबकि योजना के धरातल पर उतरने से ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों को अपने गांव से प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने में आसानी हो जाती। उन्हें घर में ही परिवहन का लाभ मिल पाता। जिससे उनका आना-जाना काफी आसान हो जाता। ड्राइ¨वग लाइसेंस भी समस्या
-बताया जाता है कि प्रथम चरण में वैसे लोगों ने भी आवेदन कर दिया था, जिनके पास चारपहिया वाहन का लाइसेंस ही नहीं था। ऐसे में वैसे आवेदनों को अस्वीकृत करना पडा। नियमत: सिर्फ चारपहिया वाहन के लाइसेंसधारकों को ही आवेदन करना था। कहते हैं अधिकारी
- मुख्यमंत्री परिवहन योजना के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम किया जा रहा है। वैसे आवेदकों को जो वाहन लेने को इच्छुक थे, उनसे दोबारा आवेदन लेने की तिथि जल्द ही निर्धारित की जाएगी। ताकि लोगों को स्व रोजगार के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सके। चयनित लोगों को वाहन खरीद करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आशा है जल्द ही वाहनों की खरीद की जा सकेगी।
ब्रजेश कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, नवादा।